बिहार-झारखंड के 21 युवक-युवतियों को रेल पुलिस ने किया रेस्क्यू, मचा हड़कंप... जाने पूरा मामला

बिहार-झारखंड के 21 युवक-युवतियों को रेल पुलिस ने किया रेस्क्यू, मचा हड़कंप... जाने पूरा मामला

 MUZAFFARPUR: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब अचानक रेल पुलिस की टीम सद्भावना एक्सप्रेस के स्टेशन पर रुकते ही सभी बोगियों में प्रवेश की और एक एक कर 12 युवतियों और 09 युवक को रेस्क्यू किया. सभी को ट्रेन से निकाल कर रेल पुलिस की टीम लेकर जीआरपी थाना पहुंची. एक-एक कर सभी से पूछताछ होने लगी. पूछताछ के क्रम में यह पता चला कि सभी युवक-युवती चंपारण के रक्सौल थाना क्षेत्र के नाहर चौक के समीप संचालित प्रशिक्षण कैंप में सेल्स की ट्रेनिंग ले रहे थे. जिसके बाद एक मामला दर्ज कराया गया था. किसी पीड़ित के द्वारा के उक्त कंपनी के स्टाफ और मालिक के द्वारा पैसे की उगाही और यौन शोषण किया गया है. 


इस मामले को लेकर पुलिस की टीम ने उक्त कंपनी पर जाकर रेड की थी, जिसके बाद कंपनी के आरोपित स्टाफ और मालिक फरार हो गए थे. जिस कारण से सभी का ट्रेनिंग बाधित था. ट्रेनिंग कैंप आयुर्वेदिक कंपनी से जुड़ा था.  इस पूरे प्रकरण को देखने के बाद सभी 21 युवक-युवतियों ने यह फैसला लिया कि यहां रहना अब ठीक नहीं है. जिसके बाद सभी अपने अपने घर को लौट रहे .थे इसकी सूचना पटना के महिला हेल्पलाइन के द्वारा रेल पुलिस को दी गई थी. उसी के आधार पर सभी को रेस्क्यू किया गया. इस बात की जानकारी रेल एसपी डॉक्टर कुमार आशीष द्वारा जिले के प्रभारी जिलाधिकारी सह डीडीसी आशुतोष द्विवेदी को दी गई. उनके सूचना के बाद महिला हेल्पलाइन ने भी जीआरपी थाना पर आकर सभी की काउंसलिंग की, लेकिन किसी ने भी अपने साथ गलत दुर्व्यवहार या फिर यौन शोषण की बात नहीं बताई. जिसके बाद सभी को महिला हेल्पलाइन के द्वारा खबर आई. स्थित शांति कुटीर भेज दिया गया वही युवकों को जीआरपी पुलिस ने अपने साथ थाना पर ही रख लिया और इस बात की जानकारी उनके परिजनों तक पहुंचा दी. 


पकड़े गए सभी युवक-युवती बिहार झारखंड के विभिन्न शहरों के रहने वाले हैं. जिसमें झारखंड के जामताड़ा की आखिरी युवती और एक युवक झारखंड के देवघर के दो युवक दुमका के एक युवती पाकुर का एक युवक के अलावा बिहार के पूर्णिया के एक युवक और जमुई के तीन युवक और युवती तथा लखीसराय के एक युवक शामिल है. पूरे मामले पर पूछे जाने पर रेल एसपी डॉक्टर कुमार आशीष ने कहा कि एक आयुर्वेदिक कंपनी का फ्रेंचाइजी लेकर रक्सौल थाना क्षेत्र के नाहर चौक के समीप कंपनी का कार्यालय खोला गया था. जिसमें इन सभी बच्चे बच्चियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. इससे पूर्व उक्त कंपनी के कर्मी और उसके मालिक के खिलाफ एक महिला द्वारा रक्सौल थाना में यौन शोषण एवं अन्य धाराओं में कांड दर्ज कराया गया था. जिसको लेकर पुलिस की टीम वहां छापेमारी की थी. इस दौरान वहां से आरोपित सभी भाग गए थे.


इसके बाद सभी ने वहां से अपना शहर लौटने का प्लान बनाया और एक साथ सभी 21 लड़के लड़कियां वापस हो रहे थे. इसकी सूचना पटना महिला हेल्पलाइन से रेल पुलिस को प्राप्त हुई. जिसके बाद सद्भावना एक्सप्रेस से सभी को डिटेन किया गया था. किसी प्रकार की शोषण और यौन शोषण की बातें सामने नहीं आई है. सभी लड़कियों को जिसमें कुछ नाबालिक भी हैं महिला हेल्पलाइन के हवाले कर दिया गया है और लड़कों को पुलिस के साथ रखा गया है. इन सभी की जानकारी सभी बच्चे के परिजनों को दे दी गई है. जैसे-जैसे परिजन उनके आएंगे उनके बच्चे उनके साथ चले जाएंगे. फिलहाल जो रक्सौल में दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. उस कांड से इन सभी 21 बच्चों का कोई लेना देना नहीं है. फिलहाल पूछताछ में यही चीजें सामने आई है.