PATNA : बिहार के मरीजों को अब चेस्ट सर्जरी के लिए राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। ऐसे मरीजों का इलाज अब राज्य के अंदर ही हो सकेगा। मरीजों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेदांता अस्पताल ने पटना में चेस्ट सर्जरी की सेवाओं का शुभारंभ किया है। पटना के जयप्रभा मेदांता अस्पताल द्वारा इसकी घोषणा की गयी। विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में मरीज बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठा सकेंगे।
गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार की देखरेख में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मरीजों को इलाज किया जाएगा। डॉ. अरविंद कुमार की टीम में डॉ. बेलाल बिन आसफ, एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. हर्षवर्धन पुरी, सलाहकार, डॉ सुखराम बिश्नोई, एसोसिएट सलाहकार, डॉ.मोहन वेंकटेश पुले, एसोसिएट सलाहकार और डॉ. विवेक मुंडेल, एसोसिएट सलाहकार शामिल हैं।
चेस्ट सर्जरी की सेवाओं में ओपीडी व आईपीडी ओपन, वैट्स/की-होल और रोबोटिक सर्जरी (हल्की और घातक बीमारियां) के माध्यम से मरीजों की छाती से संबंधित सभी समस्याओं का उपचार होगा। साथ ही मरीजों को एक विश्व स्तरीय देखभाल की सुविधा भी दी जाएगी।
इस मौके पर डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि भारत में छाती की बीमारियां बढ़ रही हैं। इसे देखते हुए एक ऐसे केंद्र की आवश्यकता है जो छाती के सभी रोगों को कवर करते हुए निदान से लेकर शल्य चिकित्सा और उसके बाद पुनर्वास तक की व्यापक सेवाएं प्रदान करे। इसी कमी को पूरा करने के लिए चेस्ट सर्जरी संस्थान की स्थापना की गयी है। इसमें थायमोमा, फेफड़ा का टीबी (ट्यूबरक्लोसिस), एम्पाइमा, चेस्ट वॉल दिफॉरमिटी, छाती में गंभीर चोट और फेफड़े का कैंसर, एसोफैगस का कैंसर (फूड पाइप) और ट्रेकिआ का कैंसर (वायु नली) जैसे छाती से संबंधित विकारों का उपचार किया जाएगा।
जयप्रभा मेदांता के चिकित्सा निदेशक डॉ. अरूण कुमार ने कहा कि बिहार में छाती की सर्जरी सेवाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरीजों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। मारिजों की सबसे बड़ी परेशानी होती है कि इन परिस्थिति में वो अपना इलाज कहां करवायें। मारिजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ चेस्ट सर्जरी के सेवाओं का पटना के मेदांता हॉस्पिटल में शुभारंभ किया गया है।