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DESK : बिहार के हजारों छात्र कोटा में फंसे हुए हैं। अब घर पहुंचाने की मांग को लेकर कोटा के छात्रों ने अनशन शुरू कर दिया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार से बार-बार घर पहुंचाने की गुहार लगाने के बाद अब छात्रों ने गांधीवादी तरीके से विरोध शुरू कर दिया है।
बिहार के छात्र-छात्रों ने हॉस्टल में उपवास करना शुरू कर दिया है. हाथों में तख्तियां लेकर कोटा में पढ़ने वाले बिहार के छात्र-छात्राएं गांधीवादी नीति के तहत छात्र तख्तियों पर ‘बुरा न देखो, बुरा न सुनो, बुरा न बोलो’ का संदेश दे रहे हैं। छात्रों का कहना है कि देश में उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है। बिहार के छात्रों का कहना है कि हम सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं। बिहार के अंदर हमारे सभी परिजन टेंशन में हैं। बिहार सरकार से हमारा अनुरोध है कि जल्द से जल्द और राज्यों की सरकारों की तरह, हमारे लिए भी राजस्थान सरकार से बात करके गाड़ी भेजें।
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा से बच्चों को उनके राज्यों में भेजने का विरोध जता चुके हैं। साथ ही नीतीश बिहार के बच्चों को बुलाने को तैयार नहीं हैं। अभी भी बिहार के करीब 11 हजार, झारखंड के 3 हजार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के ढाई-ढाई हजार, महाराष्ट्र के 1800 और ओडिशा के करीब एक हजार बच्चे हॉस्टलों में फंसे हुए हैं।