SUPAUL : बिहार के सुपौल में लगभग एक दर्जन से अधिक आत्मसमर्पणकारियों ने 16 वर्षों के बाद अपनी मांगों को लेकर त्रिवेणीगंज थाना परिसर में एसडीपीओ के सामने प्रदर्शन किया है. आत्मसमर्पण कारियों का आरोप है कि उन्होंने 2006 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष अनुपलाल यादव महाविद्यालय के सामने हथियार के साथ अपराध की दुनिया को छोड़ आत्मसमर्पण किया था. बताया जा रहा है कि इस दौरान समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए सरकार ने आत्मसमर्पणकारियों के लिए कई योजनाओं के तहत लाभ दिलाने का वादा किया था जो आज 16 वर्ष बाद भी पूरा नहीं किया गया.
मिली जानकारी के मुताबिक कोसी के दियारा ईलाके में 1990 से 2005 तक के दुर्दांत डकैतों ने सीएम नीतीश कुमार के कहने पर अपने हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ गये थे. वर्ष 2006 में सुपौल के त्रिवेणीगंज मेला ग्राउंड में अनुपलाल यादव महाविद्यालय के सामने कुल 129 दुर्दांत अपराधियों ने सरेंडर कर नया जीवन शुरू करने की कसमें खाई थी. आरोप है कि उस वक्त इन लोगो के आत्मसमर्पण के समय सरकार ने कई घोषणाएं की लेकिन आज तक इन लोगो से किया गया एक भी वादा पुरा नही हो सका. जिसको लेकर त्रिवेणीगंज में इन लोगो के द्वारा प्रदर्शन किया गया.सरकार ने उस वक्त इन लोगो को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन, 2 बच्चों की मुफ्त पढाई, सभी को 2 एकड़ जमीन देने का वादा किया था लेकिन आज ये लोग ठगे हुए महसूस कर रहे है.
बताया जा रहा है कि सरकार के कहने पर उस वक्त आत्मसमर्पणकारियों को बैंको से लोन मिला था लेकिन समय पर उसका पैसा जमा नहीं करने के कारण अब बैंको द्वारा सभी को नोटिस भेज रहा है.आत्मसमर्पण कारियों ने मांग की है कि सरकार उनकी मांगो पर विचार करते हुए उनके लोन को माफ करे. साथ ही कम से कम उन्हे चौकीदार की नौकरी देकर बेहतर जीवन जीने का मौका दे. आत्मसमर्पणकारी उपेंद्र गोयत, गुलाय सरदार, दिलीप सरदार, महेंद्र सरदार,विशुनदेव सिंह,भूपेंद्र सरदार,मोती खां, भजन शर्मा आदि ने इस दौरान त्रिवेणीगंज एसडीपीओ गणपति ठाकुर को एक ज्ञापन भी सौंपा. मौके पर एसडीपीओ द्वारा बताया गया कि इनलोगों की बातों से वरीय अधिकारियों अवगत कराया जाएगा. इस दौरान पुलिस द्वारा इन सभी को शराबबंदी को लेकर शपथ भी दिलाई गई.