PATNA : बिहार में 23.5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की अनुमति मिल गई है। इसके साथ ही साथ बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने प्रति मीटर मासिक किराया भी तय कर दिया है। या मंथली फीस ग्राहकों से वसूला जाएगा या राज्य सरकार अनुदान के रूप में इसकी भरपाई करेगी, इसका निर्णय बिजली कंपनी करेगी। आयोग ने यह आदेश 2020 में दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए दिया है।
दरअसल, बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा और सदस्य एससी चौरसिया की बेंच ने तीन साल के दौरान चली छह सुनवाई के बाद निर्णय देते हुए बताया है कि, कंपनी ने स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट के तहत आठ वर्षों में 23.5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की कार्ययोजना बनायी है। इसके लिए कंपनी ने प्रति मीटर 91.09 रुपये की संभावित लागत बतायी है।
वहीं, सभी पक्षों के बहस के उपरांत आयोग ने मासिक मीटर शुल्क 86.23 रुपये तय किया। अब इसका भुगतान ग्राहक को करना होगा या राज्य सरकार अनुदान के रूप में करेगी इस बात का निर्णय बिजली कंपनी खुद से करेगी। इसके साथ ही इस मासिक शुल्क में बदलाव तभी होगा तब सरकार से प्राप्त होने वाली कोई बजटीय सहायता या परियोजना अवधि आठ वर्षों के अंदर बदल जाती है।
इसके साथ ही आदेश में आयोग ने कहा है कि, कंपनियों को बिहार में नये लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर परीक्षण की सुविधा दी जायेगी। इसके लिए आयोग तृतीय पक्ष की प्रयोगशालाओं को मंजूरी देने की व्यवस्था का भी मूल्यांकन कर रहा है। इसके साथ ही आयोग ने डिस्कॉम को निर्देश दिया है कि स्मार्ट मीटरिंग समाधान को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाते हुए उसे वेबसाइट पर डाले। इसके साथ ही पुराने मीटरों के एडवांस जमा राशि को समायोजित या तीन बिलिंग चक्रों के जरिये उपभोक्ताओं को वापस करे।