बिहार: DPO तो अय्याश निकला, महिलाकर्मी को बुलाता हैं चैंबर में और फिर......

बिहार: DPO तो अय्याश निकला, महिलाकर्मी को बुलाता हैं चैंबर में और फिर......

PURVI CHAMPARAN: कहते है ना, पावर और पैसा को पचा पाना हर किसी के वश में नहीं होता. आपको बता दें, पूर्वी चंपारण के सहायक योजना पदाधिकारी सह प्रभारी जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी भी उन्हीं में से एक निकले. उन्होंने मौका पाकर अपने ही अधीन काम करने वाली महिलाकर्मी से गलत व्यवहार किया. साथ ही चैंबर में बुलाकर गंदा काम किया. और महिलाओं की गरिमा केविरुद्ध भाषा का प्रयोग किया.


 यह आरोप जिला निबंधन सह परामर्श सेंटर की एक महिलाकर्मी ने लगाए गए थे. जो जांच के दौरान सही पाए गए. सहायक योजना पदाधिकारी सह प्रभारी जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी को महिला कर्मचारी के साथ गलत व्यवहार करना भारी पड़ गया. जानकारी के अनुसार डीआरसीसी में कम करने वाली महिलाकर्मी ने जिला योजना पदाधिकारी पर गलत व्यवहार करने तथा यौन उत्पीडऩ और साथ ही महिलाओं की गरिमा के प्रतिकूल भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की थी.


महिला कर्मचारी के साथ गलत व्यवहार करना सहायक योजना पदाधिकारी सह प्रभारी जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी को भारी पड़ गया.  विभाग ने उन्हें इस कृत्य के लिए निलंबित कर दिया है। साथ ही निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय क्षेत्रीय योजना कार्यालय पूर्णिया निर्धारित किया गया है। बताया गया कि डीआरसीसी में कार्यरत महिलाकर्मी ने जिला योजना पदाधिकारी पर अमर्यादित व्यवहार करने तथा यौन उत्पीडऩ एवं महिलाओं की गरिमा के प्रतिकूल भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की थी.


वहीं आरोपों की जांच जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने डिस्टिक स्तर  ICC से कराई थी. इस समिति में एडीएम आपदा अनिल कुमार, वरीय उपसमाहर्ता पूजा कुमारी, अमृता कुमारी, दीपशिखा समेत सात अधिकारी शामिल थे. बता दें जांच टीम में महिला कर्मी के आरोप को सत्य पाया था. 


जानकरी के अनुसार जांच के आलोक में जिलाधिकारी ने तीन नवंबर को जांच प्रतिवेदन के साथ उक्त अधिकारी को सस्पेंड करने को लेकर विभाग को पत्र भेजा था. डीएम के पत्र पर बिहार सरकार के योजनाऔर विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने जिला योजना पदाधिकारी स्वामीनाथ मांझी को सस्पेंड कर दिया है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय योजना विभाग पूर्णिया बनाया गया है. सरकारी नियम के अनुसार निलंबन के दौरान में जीवन गुजरा भत्ता देने का भी आदेश दिया गया है. इस मामले में कार्रवाई को लेकर डीआरसीसी सहित पूरे कलेक्ट्रेट में हड़कंप मचा हुआ है.