PATNA: करप्शन के यूनिवर्सिटी में तब्दील हो गये बिहार के विश्वविद्यालयों को लेकर राज्यपाल औऱ नीतीश सरकार के बीच तकरार बढ़ने के आसार दिख रहे हैं. दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के बाद भी राज्यपाल के तेवर नहीं बदले हैं. राजभवन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पत्र को भी ठंढ़े बस्ते में डाल दिया है. शनिवार की शाम मुख्यमंत्री ने सूबे के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी को राजभवन भेजकर अपने पत्र की याद दिलवायी लेकिन राजभवन ने इसका भी कोई नोटिस नहीं लिया है.
राज्यपाल से क्यों मिले शिक्षा मंत्री
शनिवार की शाम बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी राजभवन पहुंच गये. राज्यपाल से मिले औऱ राजभवन से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी हुई. राजभवन ने कहा कि विजय चौधरी शिष्टाचार के नाते राज्यपाल से मिलने आये थे औऱ दोनों के बीच मुलाकात में बिहार में उच्च शिक्षा के विकास और उसमें गुणात्तमक सुधार पर चर्चा हुई.
लेकिन बाद में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए राजभवन जाने का मूल मकसद बताया. मंत्री ने बताया कि राज्यपाल से मुलाकात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गये उस पत्र की याद दिलायी, जिसमें बिहार के विश्वविद्यालयों में गड़बड़ी करने वालों पर जांच कर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. मंत्री ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को सरकार की चिंता से अवगत कराया है. बिहार सरकार चाहती है कि सूबे के यूनिवर्सिटी स्वच्छ औऱ पारदर्शी तरीके से काम करे. लिहाजा जिन लोगों पर भी गडबड़ी के आरोप लगे हैं उनके खिलाफ सही जांच कर कार्रवाई की जाये.
राजभवन औऱ बिहार के शिक्षा मंत्री के बयानों से ही साफ हो जाता है कि सूबे में चल क्या रहा है. दरअसल बिहार के आधा दर्जन यूनिवर्सिटी में घोटाले औऱ फर्जीवाडे के कई मामले सामने आ चुके हैं. मगध यूनिवर्सिटी के वीसी राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर तो निगरानी की छापेमारी हो चुकी है जिसमें अकूत संपत्ति पक़ड़ी गयी है. मगध विश्वविद्यालय में भारी घोटाले के कई मामले सामने आ चुके हैं. फिर भी राजभवन ने कुलपति पर कार्रवाई के बजाय उन्हें छुट्टी पर जाने की मंजूरी दे दी. उधर राजभवन की कृपा से एक साथ चार-चार यूनिवर्सिटी के वीसी का काम देखने वाले सुरेंद्र प्रताप सिंह पर घोटाले के गंभीर आरोप लगे हैं. अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के मौजूदा कुलपति ने सरकार को पत्र लिख कर बताया है कि सुरेंद्र प्रताप सिंह ने वीसी रहते कैसे सरकारी पैसे का भारी घोटाला किया. दिलचस्प बात ये रही कि जिस दिन सुरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ सारे मामले जगजाहिर हुए उसी दिन राज्यपाल ने उन्हें बेस्ट वीसी का अवार्ड दे दिया.
नीतीश का पत्र राजभवन में दबा
हालत ये है कि राज्यपाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं की है. चार दिन पहले ही नीतीश कुमार ने राजभवन को पत्र भेजा था. नीतीश कुमार ने अपने पत्र में कहा था कि मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं. लिहाजा उनकी जांच करा कर कार्रवाई की जानी चाहिये. लेकिन चार दिनों से राजभवन ने नीतीश के पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं की है.
हम आपको बता दें कि बिहार के राज्यपाल को दिल्ली भी तलब किया गया था जहां वे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिले थे. चर्चा ये है कि धर्मेंद्र प्रधान को बिहार सरकार ने ही राजभवन और यूनिवर्सिटी में हो रहे खेल की जानकारी दी थी. जिसके बाद उन्हें दिल्ली तलब किया गया था. शुक्रवार को ही राज्यपाल धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर पटना वापस लौट चुके हैं लेकिन फिर भी उन्हें भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों के आऱोपी कुलपतियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.