भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर परेशान हुए कुलपति ने इस्तीफा दिया: राजभवन को लिखा-यहां काम करना संभव नहीं

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर परेशान हुए कुलपति ने इस्तीफा दिया: राजभवन को लिखा-यहां काम करना संभव नहीं

PATNA: बिहार के उच्च शिक्षा जगत से बड़ी खबर सामने आ रही है. सूबे के यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के खुले खेल के खिलाफ आवाज उठाकर परेशान हुए कुलपति को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा है. मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी के कुलपति मो. कुद्दुस ने इस्तीफा दे दिया है. हम आपको बता दें कि मो. कुद्दुस ने राजभवन के चहेते वीसी एसपी सिंह के कारनामों की पोल खोल दी थी, जिसके बाद उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था. दिलचस्प बात ये है कि नीतीश कुमार के हस्तक्षेप का भी कोई असर नहीं हुआ.


वीसी का इस्तीफा

मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के कुलपति मो. कुद्दुस ने आज राजभवन को अपना इस्तीफा भेज दिया है उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि यहां काम करने का माहौल नहीं है. मौजूदा परिस्थिति में वे काम नहीं कर सकते लिहाजा पद से इस्तीफा दे रहे हैं. मो. कुद्दुस ने भ्रष्टाचार के उन मामलों का भी जिक्र किया है जो उन्होंने उठाया था.


राजभवन की मर्यादा तार-तार

हम आपको बता दें कि अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के कुलपति मो. कुद्दुस ने बिहार के यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के नंगे खेल को उजागर किया था. उन्होंने पिछले महीने बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र लिखा था औऱ उसमें घोटालों की पोल खोल दी थी. मो. कुद्दुस ने अपने पत्र में विस्तार से बताया था कि उनसे पहले अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलपति रहे एसपी सिंह ने कैसे भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला. दोगुने से भी ज्यादा दर पर उत्तर पुस्तिकायें छपने के लिए दी गयीं. आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों को रखने समेत यूनिवर्सिटी के दूसरे काम में किस तरह से बडा घोटाला किया गया. 


मो. कुद्दुस ने अपने पत्र में कहा था कि उन पर राजभवन से जुड़े लोगों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है कि वह गलत तरीके से टेंडर लेने वालों के पैसे का भुगतान कर दें. उन्होंने इस खेल में संलिप्त लोगों का नाम औऱ मोबाइल नंबर तक का जिक्र किया था. मो. कुद्दुस ने अपने पत्र की कॉपी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी भेजी थी.


नीतीश का हस्तक्षेप भी काम नहीं आया

मो. कुद्दुस का पत्र मिलने के बाद नीतीश कुमार ने आरोपी वीसी एसपी सिंह के खिलाफ जांच कराने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था. लेकिन राजभवन ने कोई जांच नहीं करायी. नीतीश का पत्र राजभवन में पड़ा रह गया. उलटे मो. कुद्दुस को राजभवन से कई तरह की नोटिस भेज दी गयी. राजभवन ने आरोपी वीसी एसपी सिंह को बेस्ट कुलपति का अवार्ड दे दिया. वहीं, फिलहाल मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी एसपी सिंह ने भी मो. कुद्दुस को मानहानि की नोटिस भेज दी. 


हम आपको बता दें कि एसपी सिंह राजभवन के सबसे करीबी वीसी बताये जाते हैं. वे अभी तो मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी हैं लेकिन राजभवन ने उन्हें एक समय में चार-चार यूनिवर्सिटी का प्रभार सौंप रखा था. उन सभी यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार की कहानियां सामने आ रही हैं लेकिन एसपी सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. अब भ्रष्टाचार उजागर करने वाले वीसी मो. कुद्दुस को ही इस्तीफा देना पड़ गया है.