PATNA: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के बीएड कॉलेजों में 33 हज़ार छात्रों के दाखिले में हुई देरी पर अपनी नाराजगी जताते हुए नोडल यूनिवर्सिटी के कुलपति को तलब किया है।
राज्य के विभिन्न निजी व सरकारी बीएड कॉलेजों में 33 हज़ार छात्रों के दाखिले में काउंसिलिंग के तौर तरीके में पारदर्शिता की कमी को लेकर कोर्ट ने नाराज़गी व्यक्त की। कोर्ट ने दाखिला करने वाली नोडल यूनिवर्सिटी, ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी( एलएनएमयू ) के कुलपति को 28 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने सत्तार मेमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति को कोर्ट के समक्ष एक ठोस योजना को लेकर कल कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके तहत इसी सत्र में 33 हज़ार सीटों पर दाखिला कानूनन सम्भव हो सके।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि सीईटी देने वाले लाखों अभ्यर्थियों में 88 हज़ार अभ्यार्थी पास किये हैं। फिर भी मात्र 50 प्रतिशत सीट पर ही दाखिला हो सका है। सिर्फ रोल नंबर को आधार मानने की वजह से ही काउंसिलिंग की प्रक्रिया में ज्यादा गड़बड़ियां रही है। कोर्ट ने इन सभी शिकायतों को अत्यंत गम्भीरता पूर्वक लेते हुए कुलपति को कल को तलब किया है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।