बरैला झील सलीम अली जुब्बा सहनी पक्षी अभयारण्य के पुनर्विकास की योजना तीन दशकों से लंबित, विभाग के प्रधानसचिव से कोर्ट ने मांगा जवाब

बरैला झील सलीम अली जुब्बा सहनी पक्षी अभयारण्य के पुनर्विकास की योजना तीन दशकों से लंबित, विभाग के प्रधानसचिव से कोर्ट ने मांगा जवाब

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के वैशाली जिले में स्थित बरैला झील सलीम अली जुब्बा सहनी पक्षी अभयारण्य के पुनर्विकास को लेकर सरकार के विभिन्न योजनाओं को लागू करने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। 


चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के वन्य व पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव को जवाब देने का निर्देश दिया हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि इसके पूर्व के राज्य सरकार के वन्य व पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दायर जवाबी हलफनामा को कोर्ट ने संतोषजनक नहीं पाते हुए पूरक हलफनामा दाखिल करने को कहा था।


याचिकाकर्ता का कहना था कि पुनर्विकास की योजना तकरीबन पिछले तीन दशकों से लंबित है। याचिका के जरिये इस अभ्यारण्य में प्रजनन और घोंसला बनाने को लेकर साइबेरिया, चीन, तिब्बत, लदाख व यूरोपियन देशों से आने वाले दुर्लभ प्रजाति के प्रवासी पक्षियों के संरक्षण को लेकर  शीघ्र कार्रवाई करने को लेकर आदेश देने का भी आग्रह किया गया है। 


याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पक्षियों के संरक्षण के लिए उचित कदम नहीं उठाए जाने की वजह से पक्षी शिकारियों का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से इनकी संख्या में भी कमी आई है। याचिका में अभयारण्य में  सालों भर पानी की नियमित आपूर्ति करने को लेकर आदेश देने का भी आग्रह किया गया है, क्योंकि गर्मी के मौसम में ये सूख जाता है। इस मामले पर अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।