1st Bihar Published by: Updated Sat, 02 Apr 2022 03:19:07 PM IST
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PATNA : चिराग पासवान ने अपने दिवंगत पिता को आवंटित सरकारी बंगला खाली कर दिया है. चिराग पासवान आज दिल्ली से पटना लौटे हैं. पटना एयरपोर्ट पर समर्थकों द्वारा उनका जोरदार स्वागत हुआ. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान का दर्द छलका है. चिराग पासवान ने कहा कि मुझे बंगला तो खाली करना ही था, लेकिन सरकार ने घर खाली कराने का जो तरीका अपनाया वो गलत है. मेरे पिता जी के तस्वीरों को फेंक दिया गया.
चिराग पासवान ने कहा कि मैं चिराग हूं, मेरा कोई ठिकाना नहीं है. मैं हर जगह रौशनी फैलाता हुआ. मैं संघर्ष का रास्ता चुना है. मुझे बंगला और मंत्रालय का लालच नहीं है, अगर होता तो मैं उन शक्तियों के सामने नतमस्तक हो जाता और सारी सुख सुविधाएं भोगता. मैं अपने सिद्धांतों को नहीं छोड़ा. मुझे व्यक्तिगत तौर पर बड़ी बड़ी शक्तियों के द्वारा बहुत लालच दिया गया. लेकिन मैं 21 सदी का पढ़ा-लिखा नौजवान हूं.
मैंने जब अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया तभी पता था कि बहुत सी कठिनाइयाँ सामने आएगी. लेकिन मुझे अपनी चिंता नहीं है. जो बिहार में ही रहकर प्रवासी कहलाते हैं मुझे उनकी चिंता है. दूसरे प्रदेशों में जा कर जो झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे उनकी चिंता है. मेरी लड़ाई बिहार पर राज करने की नहीं. नाज़ करने की है. मुझे संघर्ष की शिक्षा अपने पिता से मिली है.
लेकिन मुझे सिर्फ इस बात का दुख है कि जिस तरीके से मुझे घर छोड़ना पड़ा, उस तरीके पर मुझे थोड़ी आपत्ति जरूर है. मेरे पिताजी के समय से ही उनके साथ काम करने वाले करीब 100 लोग यहां रहते हैं. वहां कई लोगों का आश्रय था. मैं आजीवन 12 जनपथ में रहने के लिए नहीं कहा था. मैंने कभी मोहलत नहीं मांगा, फिर भी एक बड़े मंत्री के द्वारा मुझे बुलाया गया, मुझे आश्वासन दिया. वादा किया गया कि घर के लिए निश्चिन्त रहिये. मैंने ये सब नहीं कहा था. तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सारी बातें बाद में खुलेंगी.