PATNA : बालू के अवैध खनन मामले में सरकार अब सफेदपोश चेहरों पर एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी है. ठेकेदारों और माफियाओं पर भी अब नकेल कसी जाएगी. पिछले कुछ महीनों में बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त आधा दर्जन अधिकारी, पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
अब तैयारी उन सफेदपोशों पर कार्रवाई करने की है, जो इस लूट के धंधे में लंबे समय से लिप्त हैं. बालू खनन में शामिल लगभग तीन दर्जन ठेकेदार, माफियाओं के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की तरफ से कार्रवाई करने की अनुमति दे दी गई है.
बताया जा रहा है जिन बालू ठेकेदारों व माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है, उनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं. पुलिस मुख्यालय ने इओयू की गोपनीय रिपोर्ट के बाद अब माफियाओं, ठेकेदारों, बिचौलियों पर कार्रवाई को हरी झंडी दी है. इसपर अमल शुरू हो गया है. ये सभी उन जिलों से संबंधित हैं जहां इओयू ने अपनी जांच की.
लगभग तीन दर्जन बड़े ठेकेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. इनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(पीएमएल) के तहत कार्रवाई के लिए जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को अनुशंसा भेजी जाएगी. इनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी.
ये वे लोग हैं जिनका नाम बालू के अवैध खनन की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध इकाई की जांच में सामने आया था. बताया गया कि इनके द्वारा 1 मई 2021 को बालू का उत्खनन संबंधित ठेकेदार द्वारा बंद किए जाने के बाद भी कई जगहों पर अवैध उत्खनन और गैरकानूनी व्यापार की शिकायतें मिली थीं. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. इओयू ने 6 जिलों पटना, भोजपुर, औरंगाबाद, सारण, रोहतास एवं कैमूर में जांच शुरू की थी.
सूत्रों के अनुसार इस लिस्ट में ब्रॉडसन कंपनी से जुड़े लोग भी हैं और वे दोनों बड़े ठेकेदार भी शामिल हैं जिनका नाम भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश कुमार दुबे के साथ बातचीत में सामने आया था. एसपी के साथ इन दोनों ठेकेदारों की बातचीत के साक्ष्य भी जांच एजेंसी के पास है. फिलहाल, एसपी राकेश दूबे निलंबित चल रहे हैं.