PATNA : बिहार और नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर से बाढ़ का संकट पैदा हो सकता है. बिहार की नदियों का जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है. पिछले दिनों नेपाल से आने वाली नदियों के तटबंध को सुरक्षित रखने का काम नेपाल ने रोक दिया था. बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा की है. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कई जरूरी निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि कोसी, गंडक, कमला और अन्य नदियों के बेसिन और उसके सीमावर्ती इलाकों में जहां कहीं भी कटा हुआ था. वहां बार सुरक्षात्मक काम कराए जाएं. मुख्यमंत्री ने बिना समय गवाएं बांधों की सुरक्षा को लेकर काम करने का निर्देश दिया है. नीतीश ने कहा है कि नेपाल से संपर्क कर अधिकारी तटबंध को बचाने के लिए आवश्यक कार्य योजना पर काम करें. इसके लिए नेपाल के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है.
मुख्यमंत्री ने हाई लेवल मीटिंग के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह बाढ़ से बचाव के लिए सभी तरह की तैयारियां पूरी रखें इसके लिए तटबंध के किनारे वृक्षारोपण कराने का भी निर्देश दिया गया है. सरकार कमला बलान तटबंध को मजबूती देने के लिए वहां स्टील सीट पाइलिंग कर रही है. इस तरह का प्रयोग बिहार में पहली बार किया जा रहा है. कोसी बेसिन के 22 खतरनाक इलाकों में से 15 में सुरक्षात्मक कार्य करा लिए गए हैं और बाकी बचे साथ में भी तेजी के साथ काम जारी है.
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने प्लांटेशन में इस बात की जानकारी दी है कि वाल्मीकि नगर स्थित गंडक बराज का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. अगर बराज के किसी गेट में कोई समस्या आए तो तुरंत वैकल्पिक इंतजाम किए जाएंगे. सरकार नहीं चाहती है कि कोरोना काल में बाढ़ बिहार के लिए आफत बनकर आए और थोड़ी सी कोताही उत्तर बिहार के लोगों को एक बार फिर से डुबो दे. लिहाजा मुख्यमंत्री ने हर बिंदु पर खुद फीडबैक लिया है.