बागमती नदी का कहर जारी, नदी के कटाव की डर से लोग अपना आशियान तोड़ने को हैं विवश

बागमती नदी का कहर जारी, नदी के कटाव की डर से लोग अपना आशियान तोड़ने को हैं विवश

SITAMARHI: सीतामढ़ी में बागमती नदी पूरे उफान पर हैं और लोगों पर कहर बरपा रही है। बागमती की विकराल रूप से मेजरगंज के रसूलपुर गांव के लोग दहशत के साये में जी रहे हैं। उनके समक्ष नदी के कटाव की समस्या सामने आ गयी है। जिसे लेकर वे अपना आशियाना तक को तोड़ने को मजबुर है। बागमती नदी की तेज धार के कारण कटाव अब गांव के आवासीय क्षेत्र तक जारी है।


कटाव की डर से लोग अपने मकान में लगे ईट, दरवाजे और खिड़कियों को तोड़ रहे है। वहीं कई लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर पलायन भी करना शुरू कर चुके है। इससे पहले ही बागमती की तेज धारा से किसानों की 55 एकड़ जमीन नदी में समाहित कर चुकी है। वहीं नदी की विकराल रूप जमीन को अपने अंदर समाहित करते हुए आवासीय क्षेत्र तक आ चुकी है।


जिससे अब रसूलपुर गांव के बागमती नदी किनारे बसे लोग अपने मकान को भी मजबूरी में तोड़ रहे हैं। उन्हें डर है कि उनका मकान भी उस नदी की विकराल रूप के कारण धारा में समाहित ना हो जाए। इस दहशत के बीच मेजरगंज सीओ कनुप्रिया मिश्रा ने आज कटाव स्थल का दौरा किया। वहीं प्रशासनिक उदासीनता से रसूलपुर गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इस पूरे मामले पर जल संसाधन विभाग के एसडीओ कन्हैया कुमार का कहना है कि विभाग की ओर से लगातार कटाव रोकने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन धरातल पर जो दृश्य है वह कुछ और ही बयां कर रहा है।


गौरतलब है कि बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा कुछ दिन पहले ही सीतामढ़ी दौरे पर आए थे। उस समय भी लोगों ने इस मामले को मंत्री के समक्ष रखा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। स्थानीय भाजपा विधायक अनिल कुमार ने इसे लेकर विभाग को पत्र भी लिखा लेकिन नदी के कटाव को रोकने के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। धीरे-धीरे नदी के कटाव के कारण कई घरों का अस्तित्व ही खत्म हो गया है। लोग भय के साये में जिन्दगी गुजार रहे हैं।