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1st Bihar Published by: Updated Sat, 06 Aug 2022 11:19:01 AM IST
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PATNA: बिहार में एक तरफ जहां अपराध का ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है तो वहीं, दूसरी ओर अपराधियों पर सख्ती से एक्शन भी लिया गया है। इस साल जनवरी से जून के बीच 1576 मामलों में जुड़े 2507 अपराधियों को सजा सुनाई गई है। इसके लिए राज्य में स्पीडी ट्रायल चलाई गई थी। 6 अपराधियों को फांसी की सज़ा मिली है तो वहीं, 466 को उम्रकैद हुई है। इसके अलावा, 220 को 10 साल की सज़ा, 862 को 10 साल से कम और 953 आरोपियों को दो साल से कम की सजा मिली है।
जनवरी से लेकर जून तक की बात करें तो हत्या के 205 मामलों में 442 को, रेप के 144 मामलों में 171 को, पाक्सो अधिनियम के 206 केस में 243 को और आर्म्स एक्ट के 163 कांडों में 220 दोषियों को सजा मिली है। वहीं, डकैती के 13 मामलों में 25, अपहरण के 19 कांडों में 27, एससी-एसटी अधिनियम के 44 कांडों में 111 और अन्य 782 कांडों में 1268 दोषियों को कोर्ट से सजा मिली है।
अपराधियों को सजा दिलाने में तीन जिले टॉप पर हैं, जिसमें मधेपुरा, पटना और बक्सर शामिल है। इन जिलों में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया गया। मधेपुरा जिले की बात करें तो यहां छह महीने में 124 आरोपियों को, पटना में 91 अपराधियों को जबकि बक्सर में 67 दोषियों को स्पीडी ट्रायल से सजा सुनाई गई। इसके अलावा मोतिहारी में 61, औरंगाबाद और सीतामढ़ी में 57, भागलपुर में 55, नालंदा में 51, रोहतास में 49, सुपौल में 47 और दरभंगा में 46 अपराधियों को सजा सुनाई गई है।