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ऐसे होगी देश में विपक्षी एकता? ममता बनर्जी नीतीश, हेमंत, अखिलेश से तालमेल करेंगी, राजद-कांग्रेस का नाम तक नहीं लिया

1st Bihar Published by: Updated Thu, 08 Sep 2022 07:28:41 PM IST

ऐसे होगी देश में विपक्षी एकता? ममता बनर्जी नीतीश, हेमंत, अखिलेश से तालमेल करेंगी, राजद-कांग्रेस का नाम तक नहीं लिया

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PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 में देश भर में विपक्षी दलों की जिस एकता के दावे कर रहे हैं, उसे आज ममता बनर्जी ने एक्सप्लेन कर दिया. ममता बनर्जी ने कहा कि 2024 में बंगाल से खेला होगा। नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन और अखिलेश यादव जैसे लोग एक साथ आय़ेंगे औऱ 2024 में भाजपा का खात्मा होगी। दिलचस्प बात ये है कि ममता बनर्जी ने देश में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस और बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राजद का कहीं नाम तक नहीं लिया। नीतीश कह रहे हैं कि कांग्रेस और लेफ्ट के बिना देश में विपक्षी एकता संभव नहीं है, ममता बनर्जी उनका नाम लेने तक को राजी नहीं हैं।


ऐसे खेला करेंगी ममता बनर्जी

कोलकाता में आज तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में भारी पराजय का सामना करेगी. ममता बनर्जी बोलीं- ‘मैं, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन और कई अन्य लोग 2024 में एक साथ आएंगे. ये सभी दल भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाएंगे. एक तरफ हम सब होंगे और दूसरी तरफ भाजपा. भाजपा को 300 सीटों के अहंकार की सजा मिलेगी. ममता बनर्जी बोलीं- 2024 में 'खेला होबे”.


कांग्रेस-राजद का नाम तक नहीं

ममता बनर्जी ने जो दावा किया वह दिलचस्प है. अपने पूरे भाषण में उन्होंने कांग्रेस से लेकर राजद तक का नाम नहीं लिया. कांग्रेस अभी भी देश में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. वहीं, राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है. बिहार में राजद के पास नीतीश के जेडीयू से लगभग दो गुणा विधानसभा सीट है. फिर भी ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार, अखिलेश यादव और हेमंत सोरेन का तो नाम लिया लेकिन कांग्रेस-राजद का जिक्र तक नहीं किया. वैसे कांग्रेस को लेकर ममता बनर्जी का स्टैंड पहले से ही क्लीयर रहा है. ममता देश में कांग्रेस विहीन विपक्षी एकता चाहती हैं. ममता गैर कांग्रेसी विपक्षी पार्टियों का नेता भी बनना चाहती हैं।


ऐसे होगी विपक्षी एकता

खास बात ये भी है कि नीतीश कुमार जिस विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं उसमें वे सबसे ज्यादा तवज्जो कांग्रेस को दे रहे हैं. विपक्षी एकता के लिए बात करने जब नीतीश दिल्ली गये तो सबसे पहले राहुल गांधी के घर पहुंचे थे. नीतीश ये भी कह चुके हैं कि सोनिया गांधी देश के बाहर हैं वे जब भी वापस आयेंगी , मैं उनसे बात करने दिल्ली जाऊंगा. नीतीश की पार्टी प्रेस कांफ्रेंस कर ये कह चुकी है कि कांग्रेस औऱ लेफ्ट पार्टियों के बिना देश में कोई विपक्षी एकता संभव नहीं है. लेकिन ममता बनर्जी किसी सूरत में कांग्रेस औऱ लेफ्ट पार्टियों के साथ तालमेल करने को राजी नहीं हैं।


इससे पहले नीतीश की तेलगांना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से बातचीत भी इसी मसले पर लटकी थी. के. चंद्रशेखर राव ने साफ कह दिया था कि वे कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं कर सकते. के. चंद्रशेखर राव पटना आय़े थे लेकिन बगैर किसी नतीजे के खाली हाथ वापस लौटे थे. अब ममता बनर्जी भी वैसा ही स्टैंड लेते दिख रही हैं।


इन सबके बीच नीतीश कुमार आज ही पटना लौटे. उन्होंने कहा कि सारी पार्टियों से उनकी बात हो चुकी है. सब तालमेल को राजी हैं. कुछ ही दिनों में विपक्षी पार्टियों के बीच तालमेल का काम शुरू हो जायेगा. लेकिन दिलचस्प बात ये भी है कि नीतीश कुमार जिन प्रमुख विपक्षी नेताओं से मिलकर लौटै हैं, उनमें से किसी ने सार्वजनिक तौर पर ये नहीं कहा है कि वे विपक्षी एकता के लिए काम करेंगे औऱ नीतीश के विचारों से सहमत हैं।