Bihar News: भीषण सड़क हादसे में 2 की मौत, 4 की हालत नाज़ुक NITISH KUMAR : विश्वकर्मा जयंती पर CM नीतीश ने इन लोगों को दिया बड़ा तोहफा, निर्माण मजदूरों को मिलेंगे 5000 रुपए दुर्गा पूजा से पहले सरकार का बड़ा तोहफा, समय से पहले वेतन-पेंशन और भत्तों का भुगतान Patna Metro: रेड लाइन पर पहली बार दौड़ी पटना मेट्रो, CMRS ने किया सुरक्षा निरीक्षण PM Modi 75th Birthday : पीएम नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हुए, बिहार के CM नीतीश कुमार ने दी जन्मदिन की बधाई; सम्राट चौधरी बोले– आधुनिक भारत के विश्वकर्मा New Roads: ₹43 करोड़ की लागत से यहाँ कई सड़कों का निर्माण, बिहार के लोगों को बड़ी राहत Bihar News: बिहार के स्कूल से अपहृत बच्चा इस राज्य से बरामद, अपहरणकर्ता चढ़ा पुलिस के हत्थे Bihar News: बिहार के अस्पतालों में नहीं होगा इलाज, हड़ताल पर गए डॉक्टर; क्या नीतीश सरकार पूरी करेगी मांग Bihar News: 'मंत्री का प्रचार किया तो छह इंच छोटा कर देंगे', बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नक्सली पर्चा और धमकी मिलने से दहशत Bihar News: महापर्व छठ को यूनेस्को टैग दिलाने में जुटी भारत सरकार, कई देशों ने दिया साथ का आश्वासन
1st Bihar Published by: Updated Fri, 15 Jul 2022 01:45:06 PM IST
- फ़ोटो
DESK : देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में 20 हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं. इस बीच नेजल स्प्रे को लेकर ये बड़ा दावा किया गया है. कोरोना मरीजों पर हुई रिसर्च में ये साबित हुआ है कि नेजल स्प्रे से कोरोना का वायरस नाक में ही खत्म हो रहा है. स्प्रे लेने वाले अधिकतर लोग कोविड जांच में निगेटिव मिले हैं. इसी साल फरवरी में सरकार से अनुमति लेने वाले इस नेजल स्प्रे को फैबी स्प्रे नाम से लॉन्च किया गया था.
फार्मा कंपनी ग्लेनमार्क ने क्लीनिक ट्रायल के परिणामों में यह दावा किया है कि कोरोना के खतरों से बचाने के लिए तैयार नेजल स्प्रे से 24 घंटे के भीतर वायरस का असर 94% तक कम हुआ है, जबकि 48 घंटे में 99% तक वायरस पर काबू पाया है. भारत में 20 जगहों पर कोरोना वायरस से संक्रमण के मध्यम लक्षण वाले 306 मरीजों पर इस स्प्रे का ट्रायल किया गया था. इन मरीजों में वैक्सीन लगवा चुके और वैक्सीन न लगवाने वाले, दोनों तरह के लोग शामिल थे.
ग्लेनमार्क की क्लीनिक डेवलपमेंट प्रमुख मोनिका टंडन ने बताया कि नेजल स्प्रे का कोरोना संक्रमित मरीजों पर देश के 20 अस्पतालों में परीक्षण हुआ. इस दौरान हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों (जिन्होंने टीका लिया) और बिना टीका लेने वाले कोरोना मरीजों को अलग-अलग समूह में रखा गया. एक को नेजल स्प्रे यानी नाक के जरिए नाइट्रिक ऑक्साइड दी गई, जबकि दूसरे समूह को एक प्लेसीबो दिया गया.नेजल स्प्रे का क्लीनिकल ट्रायल कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के सर्ज के दौरान किया गया था.