ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल Bihar News: अब गांव-गांव पहुंचेगी बैंकिंग सेवा, बिहार सरकार खोलेगी 144 नई शाखाएं; होगा रोजगार का श्रृजन

जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम में बोले सीएम नीतीश-‘बिहार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक’

1st Bihar Published by: Updated Wed, 26 Aug 2020 07:13:54 PM IST

जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम में बोले सीएम नीतीश-‘बिहार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक’

- फ़ोटो

PATNA: कोरोना के भीषण संकट से जूझ रहे बिहार के लिए बाढ़ इस बार दोहरी मुसीबत बनकर आया है। बिहार की एक बड़ी आबादी बाढ़ से बेहाल है। जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने आपदा पीड़ितों को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम ने कहा है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक है। उन्होंने कहा कि नेपाल की बारिश से बिहार के 16 जिले प्रभावित हैं। 

16 जिलों के 130 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ पीड़ितों की तीन तरह से सहायता की जा रही है। उनकी हर समस्या का समाधान किया जा रहा है। बिहार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला हक है। सीएम ने कहा कि बिहार की 73 फीसदी आबादी बाढ़ से प्रभावित है। 76 फीसदी लोग अभी भी कृषि पर निर्भर हैं। 89 फीसदी आबादी गांवो में रहती है। 

उन्होनें कहा कि पहले सिंचाई परियोजनाएं अटकी रहती थी। हमलोगों को मौका मिला तो 15 वर्षों में 4  लाख 06 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया।