LUCKNOW: विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक "सन ऑफ मल्लाह" मुकेश सहनी ने आज आजमगढ़ के अम्बेडकर नगर में आयोजित निषाद चेतना रैली को संबोधित किया। लाखों की संख्या में पहुंचे निषाद समाज के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। निषाद चेतना रैली को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि 403 में 169 विधानसभा क्षेत्रों में निषाद वोट बैंक काफी निर्णायक है। उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार ने अपने वायदे के अनुसार निषाद समुदाय की मल्लाह, केवट, बिन्द, मांझी, धीवर, कहार, गोड़िया, रायकवार आदि जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का राजपत्र व शासनादेश जारी नहीं किया तो मिशन 2022 में उत्तरप्रदेश में मौजूदा सरकार की नैया पार नहीं लगेगी।
विकासशील इंसान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि मिशन 2022 में निषाद जातियां निर्णायक की भूमिका निभायेंगी। उन्होंने कहा कि अब निषाद समाज किसी के झासे में नहीं पड़ेगा। चुनाव से पूर्व अनुसूचित जाति आरक्षण शासनादेश व राजपत्र जारी करने के बाद ही वीआईपी पार्टी किसी के साथ गठबंधन करने का निर्णय लेगा। सरकार चाहे तो दो चार दिन में मझवार, तुरैहा, गोड़, बेलदार आदि को परिभाषित कर या पूर्व वर्ती सरकारों द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को स्वीकार कर निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दे सकती है।
इसी दौरान वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने मीडिया को जानकारी दी कि विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में 13 जनपदों में रैली करेंगे। जिसमें गाजीपुर, गोरखपुर, सुलतानपुर, फतेहपुर, मिर्जापुर, जौनपुर, वाराणसी, आगरा, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, बलिया, अयोध्या, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर शामिल हैं। आगे उन्होंने कहा कि निषाद समाज अब तक किसी के झांसे में नहीं आएगी।कांठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती,अब जो सरकार निषादों को आरक्षण देगी, वीआईपी पार्टी उसी के साथ होगी ।
उत्तरप्रदेश में निषादों के वोट से कई पार्टियों ने राज किया, लेकिन निषादों को भला करने के बजाय उन्होंने अपने घर की तिजोरी भरी। उन्हें निषाद समाज को आरक्षण व अधिकार दिलाने की चिन्ता नहीं है। विकासशील इंसान पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं। पहले निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण चाहिए, उसके बाद उत्तरप्रदेश में वीआईपी पार्टी किसे समर्थन व किसके साथ गठबंधन करेगी इस पर विचार किया जायेगा।
निषाद चेतना रैली में हुंकार भरते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि उत्तरप्रदेश में 12.91 प्रतिशत निषाद जातियां होने के बाद भी सभी राजनैतिक दल इनके साथ दोयम दर्जें का बर्ताव करते आ रहें है। आरक्षण के बिना निषाद समाज किसी पार्टी के झांसे में नहीं जायेगा। गोरखपुर, गाजीपुर, जौनपुर, फतेहपुर, कानपुर, सिद्धार्थनगर, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, चन्दौली, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलिया, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, प्रयागराज, बांदा, आगरा, औरैया, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बाराबंकी, बहराइच, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर, बदायूॅ, बरेली, उन्नाव, इटावा, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, बस्ती की दो या दो से अधिक विधान सभा क्षेत्रों में निषाद समाज का वोट बैंक 40 हजार से अधिक है। 71 विधान सभा क्षेत्रों में तो 70 हजार से अधिक निषाद मतदाता है, फिर भी निषाद समाज की अनदेखी की जा रही हैं, इसलिए अब यह लड़ाई आर या पार की होगी, वीआईपी पार्टी उत्तरप्रदेश में निषादों को आरक्षण दिला कर रहेगा।