Road Accident: शादी में शामिल होने जा रहे चाचा-भतीजे की मौत, पेड़ से टकराकर गड्ढे में गिरी कार; गई जान Bihar Police Action : सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनते ही बिहार में एनकाउंटर, पुलिस ने कुख्यात अपराधी शिवदत्त को मारी गोली Bihar News: बिहार में गाय का मांस पकड़ाया, भड़के लोगों को शांत कराने के लिए पुलिस ने की 10 राउंड फायरिंग Bihar News: सरकारी चापाकल को घेरने को लेकर विवाद, दोनों पक्षों में हुई मारपीट; जांच में जुटी पुलिस Minister Takes Charge : 'भैया आपलोग समय क्यों बर्बाद कर रहे ...; पदभार लेते ही पत्रकारों पर भड़के पंचायती राज विभाग के मंत्री दीपक प्रकाश, अधिकारियों को दिया यह निर्देश Bihar Police : डीजीपी विनय कुमार का बड़ा बयान,कहा - क्रिमनल और क्राइम से नहीं होगा कोई समझौता; फैमिली संग पहुंचे माता मुंडेश्वरी मंदिर Special Train: यात्रियों के लिए खुशखबरी! रेलवे ने शुरू की 14 जोड़ी नई ट्रेनें, स्टेशनों पर भी खास सुविधा samrat chaudhary : होम संभालते ही एक्शन में आए सम्राट, DGP ने जारी किया फरमान - छोटी वारदातों को हल्के में ना लें Bihar Cabinet: नंबर गेम में JDU पर भारी पड़ी BJP, लेकिन असली ताकत अब भी नीतीश के भरोसेमंदों के पास; जानिए...किस विभाग का कितना है बजट? Bhagalpur youth death : भागलपुर और पटना में दो युवकों की संदिग्ध मौत, प्रेम-प्रसंग और पढ़ाई के दबाव के बीच मिले फंदे से लटके शव
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 18 Oct 2024 10:58:55 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के सारण में करीब दो साल पहले 14 दिसंबर 2022 को 100 लोगों की हुई थी। इतनी बड़ी संख्या में मौत के बाद भी पुलिस प्रशासन के स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा यह हुआ कि सारण में दुबारा शराब कांड की घटना हुई है। जिले के कई प्रखंडों में शराब पीने से मौत का जो सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ वह अभी तक थमा नहीं है। इसके बाद अब इस मामले में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा हमला किया है।
तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स(x ) पर पोस्ट करते हुए सीएम नीतीश पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने यह कहा है कि लोगों की शराब पीने से मौत नहीं ही बल्कि हत्या हुई है। हर बार ऐसे काम होते हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है क़ी इस मामले में आजतक डीएसपी स्तर या उससे सीनियर ऑफिसर पर एक्शन क्यों नहीं हुआ। इसी तरह के तेजस्वी यादव ने 12 सवाल पूछें हैं ?
तेजस्वी यादव ने कहा है कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है। लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप है। सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 𝟑𝟎 हज़ार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है।
अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 𝟑 करोड़ 𝟒𝟔 लाख लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखायी जा रही है (एक ईमानदार वरीय पुलिस अधिकारी के अनुसार इसमें भी घपला है क्योंकि अवैध शराब की तस्करी के लिए पुलिस अधिकारी शराब पकड़ने/पकड़वाने का ढोंग रचते है जैसे की 𝟐𝟎 ट्रक शराब के बिहार में घुसाने पर एक टूटा-फूटा ट्रक पकड़वाते है उसमें भी शराब की बजाय कुछ और द्रव्य पदार्थ होता है)।
अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी होशमंद है तो इन सवालों का जवाब दें।
𝟏. अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन?
𝟐. सरकारी गुलाबी फ़ाइलों के अनुसार अवैध शराब से मरने वालों की संख्या 𝟑𝟎𝟎 से अधिक है लेकिन हक़ीक़त इससे विपरीत है, अब तक हजारों लोगों की अवैध शराब के कारण मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है। इनका हत्यारा कौन और दोषी कौन? दोषियों पर क्या कारवाई हुई?
𝟑. क्या अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी/पुलिस अधीक्षक पर कभी कोई कारवाई हुई?
𝟒. अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है 𝟓-𝟔 जिला पार कर यहाँ तक शराब पहुँची है, तो फिर यह उन सभी 𝟓-𝟔 जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं?
𝟓. जानकारों के मुताबिक़ शराब माफिया मुख्यमंत्री से रिटायर्ड अधिकारी के मार्फ़त सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों के पदस्थापन में खुली बोली के अंतर्गत पोस्टिंग करवाता है अर्थात् किस जिला में कौन अधिकारी जाएगा इसका चयन भी शराब माफिया ही करता है। क्या यह आरोप सही नहीं है?
𝟔. क्या यह सही नहीं है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अगस्त 𝟐𝟎𝟐𝟒 तक मद्यनिषेध विभाग की ओर से निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल 𝟖.𝟒𝟑 लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल 𝟏𝟐.𝟕 लाख लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।
𝟕. मुख्यमंत्री बतायें कि गिरफ़्तार लोगों में अधिकांश गरीब व वंचित वर्गों से ही क्यों है?
𝟖. अब तक 𝐃𝐒𝐏 अथवा उससे ऊपर के स्तर के कितने अधिकारियों को सजा मिली? कितने बर्खास्त हुए?
𝟗. प्रतिदिन पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से करीब 𝟔𝟔𝟎𝟎 छापेमारी होती है उसके बावजूद भी शराब की अवैध तस्करी जारी है तो इसका दोषी कौन?
𝟏𝟎. क्या गृहमंत्री सह मुख्यमंत्री इसकी ज़िम्मेवारी लेंगे?
𝟏𝟏. क्या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता/कार्यकर्ता पकड़ाए जा रहे है?
𝟏𝟐. मुख्यमंत्री बतायें कि बिहार के हर चौक-चौराहों पर शराब के ठेके किसने खुलवाये?
आपको बता दें कि, सिवान व छपरा के सीमावर्ती भगवानपुर व मशरक प्रखंड समेत आसपास जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या गुरुवार को 43 पहुंच गई। कल तक यह संख्या 15 थी, जिसमें सिवान के दस और सारण के पांच थे। सारण डीएम अमन समीर एवं एसपी डा. कुमार आशीष ने संयुक्त प्रेसवार्ता में स्वीकार किया कि सारी मौतें जहरीली शराब के सेवन से हुई हैं।