परिवार के लोग जिसे समझ रहे थे मरा हुआ, 6 साल से जेल में है बंद, ऐसे हुआ खुलासा

परिवार के लोग जिसे समझ रहे थे मरा हुआ, 6 साल से जेल में है बंद, ऐसे हुआ खुलासा

BHAGALPUR:  वैसे तो आपने दोस्ती के कई किस्से सुने होंगे। एक अच्छा दोस्त आपने दोस्त की मदद के लिए हर हद से गुजर जाता है। ऐसे ही एक सच्ची दोस्ती की कहानी बिहार के भागलपुर में सामने आई है। दरअसल, अमृतसर के जेल में बंद दो कैदियों की गहरी दोस्ती हो गई थी। दोनों में से एक भागलपुर से भटक कर अमृतसर चला गया था। जहां उसे पुलिस ने आतंकवादी समझ कर जेल में बंद कर दिया। परिवार वालों ने उसकी काफी खोजबीन की, जब बहुत दिनों तक कोई सूचना नहीं मिला तो उसे मृत समझ लिया। अब 6 साल बाद उसके दोस्त ने पत्र के जरिए उनके जीवित होने की खबर परिवार के लोगों तक पहुंचाई है।


साल 2017 में जब इंदल राय के गायब होने की खबर परिजनों को मिली थी तब उनमें कोहराम मच गया था। 6 साल बाद परिवार को अपने मृत मान लिए बेटे के जिंदा होने की खबर मिली तो, खुश की लहर दौड़ गई है। लेकिन परिवार वालों को झटका तब लगा जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा 6 साल से अमृतसर में आंतकवादी के आरोप में जेल में बंद है। इसकी जानकारी इंदल राय के दोस्त के द्वारा परिजनों को पत्र भेज कर दी गई है। पत्र मिलने के बाद परिवार वाले बेटे की जिंदा होने की खबर से खुश तो हैं, लेकिन साथ ही परिवार में सनसनी भी फैली हुई है। इंदल राय की पत्नी और मां ने खत को गांव के मुखिया को दिखाई और उसकी रिहाई कराने की गुहार लगाई। 


दरअसल, कहलगांव के नंदलालपुर गांव के पास इंदल राय के घर स्पीड पोस्ट से एक खत आया, खत के माध्यम से अरविंद कुमार नाम के किसी लड़के ने अपने घर का पता देकर इंदल के घर वालों को प्रेम नगर टाउन चौक में आने को कहा है। पत्र के माध्यम से अरविंद कुमार ने परिजनों को बताया कि 2017 में अमृतसर जेल में उसकी जान- पहचान इंदल राय से हुई थी। इंदल राय ने बातचीत के क्रम में बताया था कि वह बिहार का है, और काम करने कर्नाटक आया था। जिसके बाद वो रास्ता भटक गया और अमृतसर पहुंच गया, जहां पुलिस ने आतंकवादी समझ कर उसे गिरफ्तार कर लिया। 


इंदल राय के जिंदा होने की खबर से उसकी पत्नि और मां फूले नहीं समा रहे हैं लेकिन इंदल पर आतंकवादी होने का आरोप लगने से वे दुखी भी हैं। इंदल की मां और पत्नी गांव के मुखिया से बेटे की रिहाई की गुहार लगा रही हैं। इंदल के परिजनों का कहना है कि, उन्होंने कई दिनों तक इंदल को खोजने की कोशिश की, जब इंदल का पता नहीं लगा तो परिजनों ने उसे मृत समझ लिया था लेकिन पत्र मिलने के बाद एक नई उम्मीद मिली है। इंदल के जिंदा होने की खबर से पूरा परिवार खुश है, साथ ही सरकार से उसकी रिहाई की गुहार भी लगा रहे हैं।