PATNA : पटना में एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार की शुरुआत कर सकते हैं. जनता के दरबार में उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में जिले के बड़े-बड़े अधिकारी से लेकर थाना स्तर के पदाधिकारी जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि नए सरकार के गठन के साथ ही जनता दरबार कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए कह दिया गया है. संकेत मिलते ही डीएम से लेकर थानाध्यक्ष तक छठ के बाद 'जनता के दरबार में' कार्यक्रम का आयोजन की तैयारी में जुट जाएंगे.
आपको बता दें कि बिहार में जनता दरबार का कांसेप्ट पहली बार सीएम नीतीश ही लेकर आये थे. हालांकि, इनसे पहले भी कई बार शीर्ष स्तर पर जनता दरबार लगे हैं, पर लगातार दस वर्षों तक सफल आयोजन का श्रेय नीतीश को ही जाता है. नीतीश ने न केवल सीएम हाउस में बल्कि बड़े स्तर पर जिलों में भी जनता दरबार का आयोजन कर लोगों की समस्याएं सुनी थीं.
हालांकि 2016 में महागठबंधन के नेतृत्व में जब सरकार बनी थी तो जनता दरबार का आयोजन बंद हो गया था. 2016 में 5 जून से बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून लागू हो गया. इस कानून के तहत 60 दिनों के अंदर जनता की शिकायतों का समाधान होना है. शिकायतों के निवारण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवस्था की गई. 44 सरकारी विभागों को इस कानून के दायरे में लाया गया. शिकायतें तो आनी शुरू हो गईं, पर जनता का सीधा जुड़ाव अधिकारियों के साथ समाप्त हो गया. प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि एनडीए की नई गठित हो रही सरकार में फिर से अधिकारियों के साथ प्रत्यक्ष जुड़ाव के लिए जिला और विभागवार जनता दरबार शुरू किए जाने की तैयारी है.