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10-Jul-2019 12:36 PM
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PATNA : शराबबंदी को लेकर इन दिनों पुलिस महकमा डायरेक्ट थानेदारों को नापने के मूड में है. पटना के थानेदारों में हड़कंप मचा हुआ है. क्राइम से निपटने की जिम्मेदारी तो है ही ऊपर से शराब मिलने पर 10 साल तक थानेदारी जाने का डर बहुत तेज समाया हुआ है. पिछले दिनों मद्ध निषेध विभाग ने पटना के 5 थाना इलाकों में शराब शराब की खेप पकड़ी थी. इनमें कंकड़बाग, फुलवारीशरीफ, बाइपास राजीव नगर और एयरपोर्ट थाना इलाकों से शराब बरामद की गई थी.शराब बरामदगी के बाद आईजी मद्ध निषेद रत्न संजय ने 4 जुलाई को आईजी सुनील कुमार से इन थानेदारों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की थी. राजीव नगर और फुलवारी के थानेदारों पर नरमी क्यों? लेकिन आईजी ने पांच थानेदारों में से 3 थानेदारों पर ही कार्रवाई की.कंकड़बाग, एयरपोर्ट और बायपास थाना के थानेदार को निलंबति कर दिया गया लेकिन राजीव नगर और फुलवारी वाले थानेदार पर कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में यह सवाल बनता है कि सीएम नीतीश ने ऐसे थानेदारों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है तो इन दोनों थानेदारों के साथ नरमी क्यों बरती गई? कहीं रसूख का इस्तेमाल तो नहीं मिला फुलवारी थानेदारा ने आईजी सुनील कुमार की कार्रवाई को लेकर पुलिस महकमें में एक सवाल पर तेजी से चर्चा हो रही है कि फुलवारी शरीफ के थानेदार के साथ नरमी क्यों बरती गई. दबी जुबान में यह बात हो रही है कि फुलवारी शरीफ के थानेदार ने रसूख का इस्तेमाल तो नहीं किया? जबकि कहने वाले यह कह रहे हैं कि आईजी मद्ध निषेद ने जब कार्रवाई की सिफारिश की थी उसके बाद भी फुलवारी में देसी शराब बात बनाने की बात सामने आई थी. आईजी की सफाई आईजी सुनील कुमार का कहना है कि फुलवारी शरीफ में शराब बरामदगी हुआ है लेकिन लापरवाही की बात सामने नहीं आई है.जबकि राजीव नगर वाले थानेदार नए हैं इसलिए इनको कार्रवाई की जद से बाहर रखा गया है.