PATNA : बिहार के सरकारी स्कूलों के नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष काफी लंबे समय से वेतन वृद्धि के इंतजार में हैं. राज्य के शिक्षक लंबे समय से वेतन बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक इसपर अमल नहीं हो पाया है. नीतीश सरकार ने पिछले साल 2020 में ही शिक्षकों का वेतन एक अप्रैल से 15 प्रतिशत बढ़ाने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका.
आपको बता दें कि 15 प्रतिशत वेतन बढ़ाने के एलान के बाद नीतीश मंत्रिमंडल ने पिछले ही साल अपनी मंजूरी दे दी थी और कहा था कि 1 अप्रैल 2021 के प्रभाव से नियोजित शिक्षकों को 15 फीसदी की वेतनवृद्धि दी जाएगी. उनके लिए सेवा शर्त भी निर्धारित की गई थी. उसके बाद शिक्षा विभाग ने 29 अगस्त 2020 को इस वेतनवृद्ध को लेकर संकल्प भी जारी कर दिया था.
6 महीना बीत जाने के बावजूद भी अब तक न तो वेतन बढ़ा और न ही दिशा निर्देश जारी किये गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 से बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों को 15 फीसदी वेतनवृद्धि करने को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से इस वृद्धि के मुताबिक खर्च होने वाली राशि का ब्योरा भी मांग लिया था और उसके मुताबिक उसने मांग का प्रस्ताव मार्च 2021 में ही वित्त विभाग को भेज दिया था. लेकिन वित्त विभाग की हरी झंडी अबतक नहीं मिल पाने से शिक्षकों को बढ़े हुए वेतन का लाभ नहीं मिल पाया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि वित्त विभाग की अनुमति मिलते ही शिक्षकों को 15 फीसदी बढोतरी के साथ वेतन का भुगतान आरंभ हो जायेगा.
शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडे
टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडे ने कहा कि तीन माह से वेतन बकाया और दो वर्षों से एरियर बकाया है. बिहार कैबिनेट से पास हुआ और पत्र निकलने के बावजूद 15 फीसदी वेतन नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार द्वेषपूर्ण तरीके से कार्य करेगी तो उपचुनाव में टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ भी मजा चखाएगा.