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1st Bihar Published by: Updated Mon, 14 Mar 2022 10:42:37 AM IST
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DESK : साल 2022 में होलिका दहन 17 मार्च को है. इस दिन को दोपहर से लेकर रात एक बजे तक भद्रा है, जिसका निवास पृथ्वी लोक में है. ऐसा माना जाता है कि दहन मतलब फाल्गुन पूर्णिमा पर जिस समय पृथ्वी लोक में भद्रा का वास होता है. इस समय होलिका दहन नहीं करना चाहिए.
बता दें फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 17 मार्च गुरुवार को दोपहर 1.13 बजे से है. जो शुक्रवार 18 मार्च को दोपहर 1.03 बजे तक रहेगा. होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में रात के समय भद्रामुक्त काल में है. 17 मार्च की मध्य रात्रि बनारसी पंचांग के अनुसार 12:57 बजे और मिथिला पंचांग के अनुसार रात्रि 1.09 बजे तक भद्रा रहेगा. इसीलिए होलिका दहन इसके बाद होगा.
होलिका पूजन में श्रद्धालु सभी अनिष्टता का नाश, सुख-शांति, समृद्धि व संतान की उन्नति की कामना करते हैं. क्लेश को होलिका की अग्नि में खत्म हो जाने की प्रार्थना करते हैं. 17 मार्च की मध्यरात्रि तक भूलोक पर भद्रा के वास होने की वजह से होलिका दहन इसके बाद किया जाएगा. होलिका दहन की भस्म को काफी पवित्र माना गया है. इस आग में गेहूं की नई बाली, चना, गन्ना को भुनने से शुभता का वरदान मिलता है। होली के दिन संध्या बेला में इसका टीका लगाने से सुख-समृद्धि व आयु के वृद्धि होती है. नई फसल की कामना की जाती है.