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Life Style: Calcium की कमी को दूर करने के लिए खाएं ये 8 फूड्स, बुढ़ापे तक बनी रहेगी शरीर में तंदुरुस्ती

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 09 Apr 2025 03:12:07 PM IST

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लाइफ स्टाइल - फ़ोटो GOOGLE

Life Style: कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मिनरल है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने, मांसपेशियों के कॉन्ट्रेक्शन, नर्वस सिस्टम के सही तरीके से काम करने और ब्लड क्लॉटिंग में अहम भूमिका निभाता है। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा शरीर में विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को सही तरीके से कार्य करने में मदद करती है। इसकी कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


शरीर में कैल्शियम की कमी 
शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis), जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, शरीर में थकान और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, कैल्शियम की कमी से दांतों की समस्याएं, नाखूनों का टूटना, और दिल की अनियमित धड़कनें भी हो सकती हैं। इसीलिए कैल्शियम की सही मात्रा को अपने आहार में शामिल करना बहुत जरूरी है।


कैल्शियम की रोजाना जरूरत
अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों के लिए कैल्शियम की जरूरत अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, एक स्वस्थ वयस्क को रोजाना लगभग 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वृद्धों के लिए यह आवश्यकता अलग हो सकती है, जिन्हें कैल्शियम की ज्यादा खपत की आवश्यकता हो सकती है।


कैल्शियम की कमी के लक्षण

हड्डियों में दर्द और कमजोरी

मांसपेशियों में ऐंठन

थकान और कमजोरी

नाखूनों का टूटना

दांतों की समस्याएं

दिल की अनियमित धड़कनें

अत्यधिक चिंता और अवसाद


कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ

दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर और छाछ कैल्शियम के प्रमुख स्रोत हैं। एक कप दूध में लगभग 300 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। दही में प्रोबायोटिक्स भी होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, सरसों का साग, ब्रोकली और केल जैसी सब्जियां कैल्शियम से भरपूर होती हैं। इनमें विटामिन-के भी पाया जाता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।


तिल और अलसी के बीज: तिल के बीज कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत हैं। एक चम्मच तिल में लगभग 90 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। अलसी के बीज भी कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं।

सोयाबीन और टोफू: शाकाहारी आहार में कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। 100 ग्राम टोफू में लगभग 350 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। सोया मिल्क भी एक अच्छा विकल्प है।


बादाम और अखरोट: बादाम में कैल्शियम के साथ-साथ हेल्दी फैट्स और प्रोटीन भी होता है। रोजाना एक मुट्ठी बादाम खाने से कैल्शियम की कमी दूर हो सकती है।

मछली: सार्डिन और सालमन जैसी मछलियां कैल्शियम और विटामिन-डी का अच्छा स्रोत होती हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।


संतरे और अंजीर: संतरे में कैल्शियम और विटामिन-सी होता है। सूखे अंजीर कैल्शियम से भरपूर होते हैं। रोजाना 2-3 अंजीर खाने से कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है।

राजमा और छोले: दालें और फलियां जैसे राजमा, छोले और मसूर में भी कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है, जिसे डाइट में शामिल करके कैल्शियम की कमी दूर की जा सकती है।


कैल्शियम और विटामिन-डी का संयोजन
 कैल्शियम को शरीर में सही तरीके से अवशोषित करने के लिए विटामिन-डी का होना जरूरी है। विटामिन-डी के बिना कैल्शियम का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता है, जिससे कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसलिए, सूर्य की रोशनी, मछली, अंडे और विटामिन-डी सप्लीमेंट्स का सेवन भी जरूरी है।



 कैल्शियम की कमी से बचने और हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों और संपूर्ण शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है। साथ ही, विटामिन-डी की उचित मात्रा भी सुनिश्चित करें ताकि कैल्शियम का अवशोषण सही तरीके से हो सके।