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Food Adulteration: भोजन में मिलावट...बीमारियों की गारंटी!

Food Adulteration:आजकल बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट एक गंभीर समस्या बन चुकी है। ताजी सब्जियों में मौजूद घातक रसायन हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। विशेष रूप से लिवर, पेट और हृदय पर इनका गंभीर प्रभाव पड़ता है,

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Food Adulteration:देशभर में खाद्य पदार्थों में मिलावट का गोरखधंधा चरम पर है। घटिया खाने से लेकर नकली मसालों और ताजे फल-सब्जियों में छिपे घातक रसायन लोगों के हेल्थ पर भारी पड़ रहे हैं।देश में बिकने वाला दूध भी मिलावट से अछूता नहीं। डिटर्जेंट, यूरिया और सिंथेटिक केमिकल्स के मिलाबट से दूध को गाढ़ा बनाया जाता है, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता  है।


मानक अधिनियम 2006 के बारे में जान लीजिये 

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत शुद्धता की सख्त प्रावधान हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बाजारों में खुलेआम मिलावटी उत्पाद बिक रहे हैं, जबकि संबंधित विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

क्या करें आम जनता?

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ताजी सब्जियां और मसाले स्थानीय स्रोतों से लें, दूध की शुद्धता जांचने के पारंपरिक तरीकों का उपयोग करें और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहें। सरकार को भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि आम जनता मिलावटमुक्त और सुरक्षित भोजन मिल सके ।

देशभर में खाद्य पदार्थों में मिलावट का गोरखधंधा जोरों पर है। ख़राब  खाने से लेकर नकली मसालों और ताजे फल-सब्जियों में छिपे घातक रसायन लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं।

लिवर और सेहत पर गहरा असर

विशेषज्ञों का कहना है कि मिलावटी मसाले और मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन लिवर पर सीधा असर डालता है। लंबे समय तक ऐसे पदार्थों का उपयोग गंभीर रोगों को न्योता देता है, जिनमें पेट संबंधी समस्याएं, कैंसर और हृदय रोग शामिल हैं।

अब दूध भी सुरक्षित नहीं!

देश में बिकने वाला दूध भी मिलावट से बचा  नहीं है। डिटर्जेंट, यूरिया और सिंथेटिक केमिकल्स के उपयोग से दूध को गाढ़ा बनाया जाता है, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक है|खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत शुद्धता सुनिश्चित करने के सख्त प्रावधान हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बाजारों में खुलेआम मिलावटी उत्पाद बिक रहे हैं, जबकि संबंधित विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।