Bihar Election 2025: गोपालगंज में दलितों की पिटाई पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- RJD दलित समाज की दुश्मन, यह उनका नेचर Bihar Election 2025: गोपालगंज में दलितों की पिटाई पर भड़के जीतन राम मांझी, बोले- RJD दलित समाज की दुश्मन, यह उनका नेचर Patna robbery : पटना में दिनदहाड़े 10 लाख की लूट: अपराधियों ने DCM ड्राइवर को मारी गोली, मचा हड़कंप Indian Railways : भारतीय रेलवे की नई पहल,ट्रेन में यात्रियों को मिलेगा स्वादिष्ट खान; ऐप से ई-कैटरिंग सेवा शुरू Bihar Election 2025: दूसरे चरण की वोटिंग से पहले बिहार पुलिस का एक्शन, झारखंड की सीमा से हार्डकोर नक्सली अरेस्ट Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Jharkhad DGP Tadasha Mishra: झारखंड की पहली महिला DGP बनीं तदाशा मिश्रा, पदभार ग्रहण करने के बाद क्या बोलीं? Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025: यूपी के रेलवे स्टेशन से करीब एक करोड़ कैश के साथ पकड़ा गया मोकामा का शख्स, बिहार चुनाव से तार जुड़ने की आशंका Bihar Election 2025 : ऐतिहासिक मतदान के बाद चुनावी समर में बढ़ा सियासी तापमान, PM मोदी ने कहा - अब नहीं चाहिए कट्टा सरकार
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 25 Aug 2025 06:13:05 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Bihar Crime News: पटना हाई कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने को लेकर बगहा की कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। 19 साल पुराने अपहरण और हत्या के मामले में केस डायरी अब तक न्यायालय में प्रस्तुत न किए जाने पर रामनगर थानाध्यक्ष के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है।
यह आदेश जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने सोमवार को जारी किया। अदालत ने बगहा एसपी को निर्देश दिया है कि 15 दिनों के भीतर कार्रवाई की जानकारी न्यायालय में उपलब्ध कराई जाए, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि 10 सितंबर 2025 तक केस डायरी न्यायालय में पेश हो।
दरअसल, बेलौरा गांव निवासी शर्फूल मियां ने 3 फरवरी 2006 को रामनगर थाने में केस दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने पांच लोगों पर अपने पुत्र तूफानी मियां के अपहरण और हत्या का आरोप लगाया था। मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन केस डायरी उपलब्ध न होने के कारण पिछले कई वर्षों से सुनवाई बाधित है। वर्तमान स्थिति यह है कि 6 जुलाई 2010 से अभियोजन साक्ष्य की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन अब तक केवल वादी की गवाही ही हो पाई है। अन्य गवाहों की गवाही केस डायरी के अभाव में अब तक संभव नहीं हो सकी है।
कोर्ट ने इस संबंध में 5 जून 2017 को बगहा एसपी को पत्र लिखकर केस डायरी उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बाद 8 फरवरी 2024 और 7 जुलाई 2025 को भी निर्देश जारी किए गए। त्वरित विचारण प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक विजय कुमार राय के माध्यम से भी थानाध्यक्ष को निर्देश भेजा गया था, लेकिन इसके बावजूद थानाध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने यह भी कहा है कि थानाध्यक्ष न तो केस डायरी प्रस्तुत कर रहे हैं और न ही कोई कारण स्पष्ट कर रहे हैं। यह अदालत के आदेशों की अवहेलना है, जिससे एक गंभीर मामला 19 वर्षों से लंबित है।
न्यायालय ने आदेश में स्पष्ट कहा कि थानाध्यक्ष की लापरवाही और उदासीनता न्यायिक प्रक्रिया में गंभीर बाधा उत्पन्न कर रही है। अदालत ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि 10 सितंबर तक हर हाल में केस डायरी न्यायालय में प्रस्तुत की जाए, ताकि गवाहों की गवाही आगे बढ़ सके और न्याय प्रक्रिया पूरी हो सके।