1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 16 Jun 2025 08:55:57 AM IST
तेज प्रताप यादव - फ़ोटो GOOGLE
Tej Pratap Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में वे काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव की भक्ति में लीन नजर आए, लेकिन इस बार कारण केवल उनकी श्रद्धा नहीं, बल्कि मंदिर परिसर में बनाए गए एक वीडियो को लेकर उठे विवाद भी हैं।
इस बीच तेज प्रताप यादव ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें वे एक मंदिर में शिवलिंग के सामने ध्यान मुद्रा में बैठे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा कि “अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चाण्डाल का, काल भी उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का! ना पूछो मुझसे मेरी पहचान, मैं तो भस्मधारी हूं। हर हर महादेव।”
हालांकि, वीडियो किस मंदिर का है, इसकी अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मगर, यह वीडियो सामने आने से पहले तेज प्रताप एक और वीडियो को लेकर विवादों में थे, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के ‘रेड जोन’ में शूट किया गया था। वायरल वीडियो में तेज प्रताप मंदिर परिसर में मोबाइल फोन का उपयोग करते और वीडियो बनाते नजर आए। काशी विश्वनाथ मंदिर का ‘रेड जोन’ वह प्रतिबंधित क्षेत्र है जहाँ सुरक्षा कारणों से मोबाइल फोन ले जाना पूरी तरह से वर्जित है। यह जोन मंदिर कॉरिडोर के भीतर स्थित है, और इसकी निगरानी सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस द्वारा की जाती है।
मंदिर प्रशासन ने इस पूरे घटनाक्रम की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि “हमें सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों से जानकारी मिली है कि एक राजनीतिक व्यक्ति द्वारा मंदिर परिसर के प्रतिबंधित क्षेत्र में वीडियो बनाया गया है। इस मामले की गहन जांच के लिए सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई है।”
मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर प्रशासन, सीआरपीएफ और पुलिस मिलकर जांच करेंगे कि किस स्तर पर सुरक्षा चूक हुई और किस कर्मी की लापरवाही रही। यदि किसी भी प्रकार से मंदिर परिसर के नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तेज प्रताप यादव अक्सर अपनी धार्मिक और अध्यात्मिक छवि को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। कभी वे भगवान कृष्ण के वेश में राधा-कृष्ण की लीलाओं का मंचन करते नजर आते हैं, तो कभी महाकाल की भक्ति में लीन होकर वीडियो साझा करते हैं। उनके इन कार्यों को लेकर उनके समर्थक उन्हें "श्रद्धालु नेता" मानते हैं, वहीं कई बार इन पर आस्था और नियमों के उल्लंघन के बीच संतुलन न रखने का आरोप भी लगता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर जैसी संवेदनशील और ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन गंभीर मामला है। तेज प्रताप यादव का यह वीडियो उन्हें एक बार फिर विवाद के घेरे में ले आया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या निकलता है और मंदिर प्रशासन तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस पर क्या कार्रवाई करती हैं।