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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 15 Jun 2025 07:42:05 AM IST
तेज प्रताप यादव - फ़ोटो GOOGLE
Tej Pratap Yadav: बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। इस बार मामला धार्मिक स्थल की मर्यादा से जुड़ा है। तेजप्रताप ने काशी विश्वनाथ धाम के प्रतिबंधित क्षेत्र (रेड ज़ोन) में रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया।
तेजप्रताप यादव 13 जून 2025 को वाराणसी पहुंचे थे। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में गुपचुप दर्शन-पूजन किया, लेकिन बाद में उन्होंने एक 52 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर दिया। इस वीडियो में उन्हें मंदिर परिसर के भीतर, गर्भगृह के सामने खड़े होकर शिखर की ओर प्रणाम करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी आसपास मौजूद नजर आ रहे हैं।
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विश्वभूषण मिश्र ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने शनिवार को स्पष्ट किया कि मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी नियम का उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि धाम के प्रतिबंधित क्षेत्र में वीडियो बनाना नियमों के विरुद्ध है। सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व प्रशासन, पुलिस और सीआरपीएफ के सहयोग से निभाया जाता है। इसलिए संबंधित एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी गई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।"
तेजप्रताप यादव बीते कुछ समय से अपने बयानों और गतिविधियों को लेकर लगातार चर्चा में हैं। हाल ही में वह अपने परिवार से दूरी को लेकर भी सुर्खियों में थे। अब धार्मिक स्थल पर नियम उल्लंघन का यह मामला राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही मोर्चों पर उनके लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है। वीडियो के वायरल होने के बाद जहां कुछ लोग इसे धार्मिक आस्था से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कई यूजर्स और धार्मिक संगठनों ने मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ बताकर नाराजगी जाहिर की है।
मंदिर प्रशासन ने यह भी कहा कि अब से मंदिर परिसर में मोबाइल के उपयोग और वीडियो बनाने को लेकर और अधिक सख्ती बरती जाएगी। यदि जांच में कोई भी व्यक्ति नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया, तो उचित कार्रवाई और विभागीय संस्तुति की जाएगी।