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14-Mar-2025 07:46 AM
PATNA: होली की पूर्व संध्या पर पटना शहर में अगजा (होलिका दहन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में मारवाड़ी समाज की महिलाएं और पुरूष इस कार्यक्रम को भाग लिये। सभी ने एक दूसरे को अबीर लगाकर होली की बधाई और शुभकामनाएं दी। वहीं होलिका दहन के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों ने होली के गीत गाकर अपनी खुशियां जाहिर की।
पटना में रात के 11 बजे के बाद होलिका दहन किया गया। इस मौके पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ देखने को मिली। पटना शहर के कई इलाकों में जगह-जगह होलिका दहन का आयोजन किया गया। जहां लोगों ने पकवान, अनाज सहित अन्य पूजन सामग्रियों को होलिका में अर्पित की। होलिका दहन के बाद लोग आज रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मना रहे हैं। कुछ लोग कल भी होली मनाएंगे। यूं कहे कि होली दो दिन लोग मनाएंगे। 14 और 15 मार्च को होली और 16 मार्च को बसिऔरा मनाया जाएगा। तीन दिनों तक पटना शहर में 5 हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गयी। होली में चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी। हुड़दंगियों पर लगाम कसने के लिए भारी संख्या में जवानों को लगाया गया है।
रंगों का त्योहार होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार नास्तिक राजा हिरण्यकश्यप के घर में भगवान के भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था और बचपन से ही भगवान की पूजा करने में लीन रहता था,यह बात हिरण्यकश्यप को खटकती थी और अपने पुत्र को भगवान की पूजा करने से रोकता था वही हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान मिला था कि आग होलिका को जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र की जान लेने का आदेश बहन होलिका को दिया। कहा कि वो पह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि चिता पर बैठा जाएं जिससे कि पह्लाद आग में में जल कर भस्म हो जाएगा और उसकी मौत हो जाएगी। लेकिन भगवान की लीला भी अपरम्पार है। इस खेल में भगवान का भक्त प्रहलाद बच गया और होलिका चिता में भस्म हो गई। तब से होली पर्व में होलिका दहन करने का परंपरा चली आ रही है। गुरुवार की देर रात होलिका दहन का आयोजन हुआ जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए।