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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Dec 2025 12:30:07 PM IST
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Bihar Vidhansabha Winter Session: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान सदन में कई नए चेहरे दिखाई दिए, लेकिन भाजपा के दो विधायक इस महत्वपूर्ण मौके पर अनुपस्थित रहे। जीवेश मिश्रा, जो जाले विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं, और विनय बिहारी, जो लौरिया सीट से जीत दर्ज कर सदन पहुंचे हैं, दोनों शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना दिया है।
जानकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में सभी नए विधायकों को निर्धारित समय पर उपस्थित होना अनिवार्य होता है। समारोह के दौरान स्पीकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने नए सदस्यों को विधायकी शपथ दिलाई। हालांकि, जीवेश मिश्रा और विनय बिहारी की गैरमौजूदगी पर सवाल उठना लाजमी था। इससे न केवल सदन में अनुकूल माहौल प्रभावित हुआ बल्कि विपक्ष और मीडिया के बीच भी इस पर चर्चा शुरू हो गई।
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि दोनों विधायकों की अनुपस्थिति के पीछे निजी और स्वास्थ्य संबंधी कारण हो सकते हैं। हालांकि, पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सदन में इस दौरान अन्य विधायकों ने अपनी शपथ ग्रहण की और विधानसभा में नए सत्र की शुरुआत की। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान विधायकों ने राज्य और संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और कर्तव्य का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम पारंपरिक ढंग से आयोजित किया गया और इसे कड़ी सुरक्षा और अनुशासन के तहत संपन्न किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई विधायक शपथ ग्रहण समारोह में अनुपस्थित रहता है, तो उसे बाद में पुनः शपथ ग्रहण करने का अवसर मिलता है। इसके लिए स्पीकर द्वारा उचित समय और प्रक्रिया निर्धारित की जाती है। इसलिए, जीवेश मिश्रा और विनय बिहारी को भी बाद में अपनी शपथ पूरी करने का अवसर मिलने की संभावना है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी रही कि भाजपा के दोनों विधायकों की अनुपस्थिति विपक्ष के लिए अवसर भी पैदा कर सकती है। विपक्षी दल इसे भाजपा के अंदरूनी संगठन और सदन में सक्रियता पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, भाजपा ने इसे राजनीतिक दांव-पेंच से अलग रखने का प्रयास किया है।
सत्र के पहले दिन विधायकों का शपथ ग्रहण न केवल नए सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह विधानसभा में आगामी कार्यों और निर्णयों के लिए आधार भी तय करता है। इसलिए किसी भी विधायक की अनुपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाता है।