Bihar News : जानिए क्या है पटना में लेडीज़ स्पेशल पिंक बस की टाइमिंग, कहां से खुलेगी बस और क्या होगा रूट Bihar Bhumi : भू -लगान को लेकर सख्त हुई नीतीश सरकार, इन लोगों पर होगा नीलामी का एक्शन Bihar Teachers News:बिहार शिक्षा विभाग का बड़ा अपडेट! हजारों महिला टीचर का हुआ ट्रांसफर BIHAR NEWS: ब्रिज मेंटेनेंस को लेकर पॉलिसी बनकर तैयार, होगी रियल टाइम निगरानी और बनेगा हेल्थ कार्ड Bihar Rain Alert : 60 KM की रफ्तार से चलेगी आंधी, इन जिलों में होगी बारिश ; IMD का अलर्ट जारी BIHAR CRIME: सासाराम में युवक की गोली मारकर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप ISM पटना ने स्थापना सप्ताह का भव्य समापन किया, छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार को मिला मंच मुजफ्फरपुर कोर्ट में बुर्का पहना कर शादी की कोशिश, हिंदूवादी संगठनों के हंगामे के बाद जांच में जुटी पुलिस बालोपासना दिवस 2025: कोइलवर में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने दौड़ व कबड्डी प्रतियोगिता का किया आयोजन जुकाम की दवा सिगरेट: इलाज कराने आए मासूम को डॉक्टर ने कराया स्मोकिंग, बच्चे की सेहत से किया खिलवाड़
08-Apr-2025 01:46 PM
Bihar News: पथ निर्माण विभाग में तरह-तरह के खेल किये जाते हैं. ठेकेदारों को फायदा पहुंचा कर इंजीनियर अपनी झोली भरते हैं. इस काम के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. गया डिवीजन में इंजीनियरों के बड़े खेल का खुलासा हो चुका है. इंजीनियरों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर एक्स्ट्रा कैरेज के नाम पर 26 करोड़ की अवैध निकासी कराई है. इस मामले की जांच जारी है. सीतामढ़ी डिवीजन में भी पथ निर्माण विभाग के बड़े इंजीनियरों की मिलीभगत से खेल किया गया है. बताया जाता है कि मुख्य अभियंता की लापरवाही/ मिलीभगत की वजह से सरकार को करोड़ों का भुगतान करना पड़ सकता है. इस मामले में पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता(उत्तर) के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए हैं. विभाग ने आरोपी इंजीनियर जो सेवानिवृत हो गए हैं, उनसे स्पष्टीकरण मांगा. अब विभागीय स्तर पर समीक्षा की जा रही है. कार्रवाई चाहे जो हो, लेकिन जिस तरह का खेल हुआ है, उसका सीधा नुकसान विभाग को हो रहा है.
जानें पूरा मामला.....
पथ निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव पूनम कुमारी ने 27 नवंबर 2024 को तत्कालीन प्रभारी मुख्य अभियंता (उत्तर) शमीम अहमद से स्पष्टीकरण मांगा. तत्कालीन मुख्य अभियंता शमीम अहमद 2023 में ही सेवानिवृत हो गए हैं. इन पर आरोप है की CWJC केस नं.- 12224/2017 में आरपी इंफ्रा प्रोजेक्ट बनाम बिहार सरकार से संबंधित Arbitration Case no-33/2018 में आर्बिट्रेटर के द्वारा 16 फरवरी 2023 को award पारित किया गया था. जिसके खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील दायर नहीं किया जा सका. इन्हीं आरोपों में तत्कालीन मुख्य अभियंता (उत्तर) शमीम अहमद से स्पष्टीकरण की मांग की गई .
आरोपी तत्कालीन मुख्य अभियंता शमीम अहमद से पूछा गया कि CWJC केस नं 12224- 2017 आरपी इंफ्रा प्रोजेक्ट बनाम बिहार सरकार से संबंधित आर्बिट्रेशन केस नंबर 33/ 2018 में आर्बिट्रेटर ने 16 फरवरी 2023 को जो अवार्ड पारित किया था, उसके खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील दायर नहीं की गई. इस मामले में आपके द्वारा गंभीर अनियमितता, त्रुटि बरती गई है. इन आरोपों में आपके खिलाफ आरोप पत्र गठित किया गया है. ऐसे में 15 दिनों के अंदर आप गठित आरोपी के संबंध में जवाब दें कि क्यों नहीं आपके खिलाफ पेंशन नियमावली के तहत कार्रवाई की जाए ?
ठेकेदार पर फायदा पहुंचाने का आरोप
शमीम अहमद पर आरपी इंफ्रा प्रोजेक्ट को फायदा पहुंचाने के आरोप हैं. इन पर जो आरोप पत्र गठित किए गए हैं, उसमें इन पर आरोप है कि award की प्राप्ति की तिथि से 3 माह के अंदर अपील दायर किए जाने का प्रावधान है, लेकिन अपील दायर नहीं किया गया. कार्यपालक अभियंता सीतामढ़ी ने 3 मार्च 2023 को अवार्ड की प्रति एवं भुगतान के संबंध में अधीक्षण अभियंता उत्तर बिहार पथ अंचल से दिशा निर्देश की मांग की थी. जिस पर आवश्यक कार्रवाई के लिए शमीम अहमद को समर्पित किया गया था. लेकिन इनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.शमीम अहमद जो नियंत्रित पदाधिकारी थे उनसे अपेक्षा थी कि वह आर्बिट्रेटर द्वारा घोषित अवार्ड के खिलाफ निर्धारित समय सीमा के अंदर अपील दायर करने की दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट मुख्यालय को भेज देते. लेकिन इन्होंने अपनी ड्यूटी का निर्वहन नहीं किया.
महाधिवक्ता ने भी दी थी रिपोर्ट
इस प्रकार विभाग द्वारा घोषित अवार्ड के खिलाफ अपील दायर नहीं हो पाने के आलोक में महाधिवक्ता से भी विधिक परामर्श ली गई . महाधिवक्ता ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि संवेदक को अनुचित लाभ पहुंचाने के इस प्रकरण में शमीम अहमद के स्तर से पर्यवेक्षकीय, कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरती गई है. जिस कारण आर्बिट्रेटर के द्वारा संवेदक के पक्ष में दिए गए अवार्ड के खिलाफ सक्षम न्यायालय में ससमय अपील दायर नहीं किया जा सका, जिसके लिए अहमद दोषी हैं.