1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 25 Jun 2025 09:41:22 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार की सियासत में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े इंजीनियर सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह ने नीतीश कुमार की अगुआई वाली एनडीए सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची थी। इस साजिश में बालू माफियाओं और अन्य संगठित अपराध नेटवर्क से मिले पैसे का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। मंगलवार को EOU ने सुनील से तीन घंटे तक पूछताछ की है जिसमें कई सनसनीखेज तथ्य उजागर हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सुनील ने माफियाओं से अपने संबंध स्वीकार किए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें आगे बढ़ सकती हैं।
EOU ने मंगलवार को पटना में अपने कार्यालय में इंजीनियर सुनील को तलब किया और तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। इस दौरान सुनील से एक प्रश्नावली के आधार पर सवाल किए गए। सूत्रों के अनुसार EOU के पास पहले से मौजूद सबूतों का सत्यापन सुनील के बयानों से किया गया। जांच में पता चला कि विधायकों को प्रभावित करने के लिए जो धनराशि जुटाई जा रही थी, वह बालू माफियाओं और अन्य संगठित अपराध नेटवर्क से आ रही थी। सुनील ने इन माफियाओं से अपने संबंध होने की बात कथित तौर पर स्वीकार की है, हालांकि कुछ सवालों के जवाब देने से वह बचते रहे। EOU ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में सक्रिय लोगों के जरिए विधायकों को लुभाने की कोशिश के सबूत भी जुटाए हैं।
EOU ने सुनील से बालू माफिया और अन्य अपराध नेटवर्क से फंडिंग से जुड़े विस्तृत सवाल पूछे हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार में अवैध बालू खनन से होने वाली मोटी कमाई का एक हिस्सा इस सियासी साजिश में लगाया जा रहा था। EOU ने पहले ही 52 कुख्यात अपराधियों की 56.95 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को भेजा है। जिनमें कई बालू माफिया भी शामिल हैं।
यह मामला 9 फरवरी 2024 को तब सुर्खियों में आया था जब जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि RJD से जुड़े इंजीनियर सुनील ने उनके रिश्तेदार रणजीत कुमार के जरिए उनसे संपर्क किया और महागठबंधन के पक्ष में फ्लोर टेस्ट में वोट देने के लिए 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का प्रलोभन दिया। यह साजिश 12 फरवरी 2024 को नीतीश कुमार की सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले रची गई थी। मामला EOU को सौंपा गया, जिसने हॉर्स ट्रेडिंग के सबूत जुटाए। जांच में पता चला कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में रहने वाले लोगों के जरिए एनडीए के कई विधायकों को लुभाने की कोशिश की गई थी।
इंजीनियर सुनील RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। EOU ने शनिवार को उनके पटना के किदवईपुरी और वैशाली के सैदुल्लाहपुर स्थित आवासों पर नोटिस चस्पा किया था। पूछताछ के बाद EOU सूत्रों ने संकेत दिया कि सुनील को जल्द ही दोबारा नोटिस भेजा जा सकता है। सुनील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन EOU के पास मौजूद सबूत उनकी कानूनी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।