1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Jun 2025 09:48:21 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के तहत असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है, ताकि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से अगस्त 2025 तक 4,000 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती समयबद्ध तरीके से पूरी की जा सके।
हाल ही में राजभवन में राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में कुलपतियों ने नए विषयों के लिए शिक्षकों की कमी पर चिंता जताई थी। कई विश्वविद्यालयों में नए और समसामयिक विषयों की पढ़ाई विशेष प्रबंधों के जरिए हो रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से पारंपरिक और नए दोनों तरह के विषयों के लिए रिक्तियों की अधियाचना मांगी है। इन रिक्तियों को BSUSC को भेजा जाएगा, जो पारदर्शी और समयबद्ध नियुक्ति प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।
BSUSC ने पहले ही विभिन्न विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए अधिसूचनाएं जारी की हैं। 2024 में 4,108 रिक्तियों की घोषणा की गई थी, जिनमें से 755 बैकवर्ड रिक्तियां थीं। इनमें से कुछ विषयों जैसे वाणिज्य, शिक्षा, संगीत, और पर्यावरण विज्ञान के साक्षात्कार अभी बाकी हैं। यदि प्रक्रिया कानूनी अड़चनों से बची रही, तो अगस्त 2025 तक नियुक्तियां पूरी होने की उम्मीद है। BSUSC का लक्ष्य उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन करना है, जो बिहार में उच्च शिक्षा के परिदृश्य को बदल सकें।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बिहार के विश्वविद्यालयों में नए विषयों जैसे पर्यावरण विज्ञान, जैव रसायन और अन्य समसामयिक विषयों को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। इन विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति से छात्रों को आधुनिक और प्रासंगिक शिक्षा मिलेगी, जो उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी। विश्वविद्यालयों से जल्द से जल्द रिक्तियों की जानकारी भेजने को कहा गया है, ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में देरी न हो।