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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Jun 2025 07:48:38 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Flood: बिहार में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की सक्रियता और नेपाल में भारी बारिश के कारण गंगा, कोसी, गंडक, घाघरा, पुनपुन, बूढ़ी गंडक, बागमती और फल्गु समेत नौ नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नालंदा जिले में फल्गु नदी के तटबंध में कटाव के कारण कई गांवों में पानी फैल गया है, जिससे सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार के कई हिस्सों में बांधों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें हैं और जल संसाधन विभाग ने तटबंधों की 24/7 निगरानी शुरू कर दी है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां तेज कर दी हैं और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
पटना के मौसम विज्ञान केंद्र और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बिहार के उत्तरी और सीमांचल क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश से कोसी, गंडक और बागमती जैसी नदियां उफान पर हैं। हालांकि, कमला बलान नदी का जलस्तर फिलहाल घट रहा है, लेकिन गंगा और गंडक नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जहानाबाद और नालंदा में भूतही और लोकाइन नदियों के जमींदारी बांधों में फ्लैश फ्लड के कारण कटाव देखा गया है, जिसके लिए मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है।
उधर फल्गु नदी के बढ़ते जलस्तर ने नालंदा और जहानाबाद में स्थिति को गंभीर बना दिया है। 19 जून को उदेरास्थान बैराज से 73,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण नालंदा के एकंगरसराय अंचल के मंडाछ पंचायत में बेलदारी बिगहा गांव के पास तटबंध में कटाव हुआ। इससे लगभग 600 लोग आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं और गांवों में पानी फैलने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जल संसाधन विभाग ने उदेरास्थान बैराज के गेट खोल दिए हैं और पानी को नहरों के जरिए खेतों तक पहुंचाया जा रहा है। कोसी नदी के वीरपुर बैराज के भी एक दर्जन से अधिक गेट खोले गए हैं ताकि जल प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके।
जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। अभियंताओं को तटबंधों की निगरानी और मरम्मत के लिए तैनात किया गया है। बिहार सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। भारी बारिश से खरीफ फसलों, विशेष रूप से धान और मखाना को नुकसान की आशंका है।