बिहार के 'रईस'DFO पर विजिलेंस का शिकंजा:कई शहरों में अकूत संपत्ति,पत्नी के खाते में 41 लाख कैश

पटना पार्क प्रमंडल के DFO सुबोध कुमार गुप्ता के खिलाफ स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज कर कई शहरों में छापेमारी की। फ्लैट, दुकान, प्लॉट और लाखों की रकम का खुलासा हुआ है। अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Jun 2025 08:21:39 PM IST

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धन कुबेर निकला पटना का DFO - फ़ोटो GOOGLE

PATNA: बिहार में एक बार फिर भ्रष्टाचार का चेहरा बेनकाब हुआ है। राज्य के पटना पार्क प्रमंडल के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) सुबोध कुमार गुप्ता पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप सामने आया है। इस मामले में स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने मंगलवार को पटना समेत राज्य के कई शहरों में एक साथ छापेमारी की कार्रवाई की। जिसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। 


राजधानी पटना के पॉश इलाके में फ्लैट, दुकानें और अन्य शहरों में प्लॉट

विजिलेंस की टीम ने पटना के बोरिंग रोड स्थित अंबा अपार्टमेंट में स्थित सुबोध कुमार गुप्ता के आवास पर छापा मारा, जहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज और संपत्ति से जुड़े साक्ष्य बरामद हुए। जांच में यह सामने आया है कि गुप्ता के पास पटना में कई फ्लैट और दुकानें हैं। इसके अतिरिक्त दानापुर, नालंदा और वैशाली जैसे शहरों में भी उनके नाम पर कीमती प्लॉट पाए गए हैं, जिनकी बाजार कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है।


पत्नी के खाते में मिले 41 लाख रुपये

विजिलेंस जांच में यह भी सामने आया कि सुबोध कुमार गुप्ता और उनकी पत्नी के नाम संयुक्त बैंक खाता है, जिसमें 41 लाख रुपये जमा मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह राशि संदिग्ध स्रोतों से प्राप्त मानी जा रही है, जिसकी जांच की जा रही है।


विजिलेंस यूनिट ने किया केस दर्ज, DFO निलंबित

स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने इस मामले में DFO गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसके तुरंत बाद सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद SVU की टीम उनके अन्य संपत्ति, बैंक खाते, निवेश और दस्तावेजों की गहनता से जांच कर रही है।


अधिकारियों के मुताबिक, संपत्ति का स्तर हैरान करने वाला

SVU अधिकारियों के मुताबिक, सुबोध कुमार गुप्ता की संपत्ति और आय का अंतर इतना अधिक है कि प्रारंभिक तौर पर ही यह स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने सरकारी पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से भारी संपत्ति अर्जित की है। आगे की जांच में और भी संपत्ति, निवेश और लेनदेन की जानकारी सामने आ सकती है। विशेष निगरानी टीम अब आय के स्रोत, भूमि क्रय के दस्तावेज, बैंक ट्रांजैक्शन, और आयकर रिटर्न की जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी जोड़ा जा सकता है।