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Bihar Fraud Case: बिहार में फर्जी फ्रेंचाइजी के नाम पर करोड़ों की ठगी, EOU ने दर्ज किया केस

Bihar Fraud Case: बिहार से एक बड़े ठगी के मामले का खुलासा हुआ है, जिसने पुलिस तक को चौंका दिया है। दरअसल, डल्स ई-कॉम इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक ई-कॉमर्स डिलीवरी कंपनी पर फ्रेंचाइजी देने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Sep 2025 01:48:59 PM IST

Bihar Fraud Case

- फ़ोटो GOOGLE

Bihar Fraud Case: बिहार से एक बड़े ठगी के मामले का खुलासा हुआ है, जिसने पुलिस तक को चौंका दिया है। दरअसल, डल्स ई-कॉम इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक ई-कॉमर्स डिलीवरी कंपनी पर फ्रेंचाइजी (वितरण अधिकार) देने के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। राज्य के विभिन्न जिलों के एक दर्जन से अधिक पीड़ितों की लिखित शिकायत पर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। 


बताया जा रहा है कि प्राथमिकी में कंपनी के मालिक समेत 25 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है और उनके खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी EOU के इंस्पेक्टर आदित्य अंशु को सौंपी गई है। वहीं, पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने फ्रेंचाइजी देने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन जारी किया था, जिसमें हेड ऑफिस दिल्ली और मुंबई बताया गया। विश्वास जमाने के लिए उन्हें दिल्ली और कोलकाता के ऑफिस तक घुमाया गया और वहां कार्यरत कर्मचारियों से मुलाकात कराई गई। 


इस दौरान कंपनी के सीईओ अरुण कुमार दास, मुख्य निदेशक रवि चौधरी, और वी.एस. शिवराम सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने पीड़ितों को विभिन्न स्कीम के तहत निवेश करने के लिए राजी किया। निवेशकों से अनुबंध कर यह आश्वासन दिया गया कि 45 दिनों के भीतर कुरियर व अन्य सेवाओं का व्यवसाय शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी कोई व्यवसाय शुरू नहीं किया गया। इसके बजाय कंपनी प्रबंधन द्वारा लगातार नए-नए आश्वासन दिए जाते रहे। मार्च 2025 में अचानक कंपनी ने सभी राज्यों में अपने ऑफिस बंद कर दिए और संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी बंद हो गए।


पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देश भर से लोगों को झांसे में लेकर करीब तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कराया और फिर धोखाधड़ी की। अब पीड़ितों की मांग है कि दिल्ली और मुंबई में मौजूद कंपनी के जिम्मेदार व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाए और निवेशकों की राशि वापस कराई जाए।


पीड़ितों में इतने लोग शामिल है-

नेहा सिंह, मुजफ्फरपुर-12.5 लाख

विकास कुमार, मुजफ्फरपुर-9 लाख

विशाल कुमार, मुजफ्फरपुर-1.5 लाख

रवि/विवेक कुमार, पटना- 28 लाख

प्रताप कुमार, पटना- 12.5 लाख

हर्ष राज, हाजीपुर- 9.5 लाख

सुगम कुमारी, मधुबनी-12.5 लाख

कन्हैया कुमार झा, सहरसा-9.5 लाख

गोपाल कुमार, लखीसराय-3.5 लाख

लवलेश कुमार, कटिहार- 3.5 लाख

बीरेंद्र यादव, सारण- 9.50 लाख

सुचित्रा देवी, मु्ंगेर- 3.5 लाख

रघुवीर कुमार, गया जी- 9.5 लाख

अरुण प्रकाश, समस्तीपुर- 6.5 लाख