Bihar News: “डॉग बाबू” के बाद अब भगवान राम, सीता और कौआ के नाम से आवास प्रमाण पत्र का आवेदन, प्रशासन ने लिया कड़ा एक्शन

Bihar News: बिहार में खगड़िया में आरटीपीएस के माध्यम से भगवान राम, माता सीता और कौआ के नाम से आवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिलने का मामला सामने आया। फर्जी आवेदनों को अस्वीकृत कर संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 03 Aug 2025 08:02:46 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार में आवास प्रमाण पत्र बनाने को लेकर एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां पहले डॉग बाबू, डोगेश और ट्रैक्टर जैसे नामों से आवेदन आकर चर्चा में रहे, वहीं अब लोग भगवान श्री राम, माता सीता और यहां तक कि कौआ के नाम से भी निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर रहे हैं। खगड़िया जिले में आरटीपीएस (राज्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन) के जरिए ये अजीबोगरीब नाम दर्ज कराने का सिलसिला जारी है।


खगड़िया जिले के चौथम, गोगरी और चित्रगुप्तनगर थाना क्षेत्र में ऐसे कई आवेदन मिले हैं, जिनमें आवेदकों ने स्वयं के नाम के स्थान पर भगवान श्री राम, कौआ और अन्य काल्पनिक नाम दर्ज कराए हैं। जब यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो तुरंत कार्रवाई की गई। संबंधित आवेदनों को अस्वीकृत कर संबंधित थानों में अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।


सदर आरओ शंभु कुमार ने बताया कि 12 दिसंबर 2024 को एक आवेदन में ‘कौआ’ नाम दर्ज किया गया था, जिसके आधार पर 1 अगस्त 2025 को चित्रगुप्तनगर थाने में कांड संख्या 82/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई जिले में आवास प्रमाण पत्र प्रणाली में गड़बड़ी और गलत सूचना देने वालों पर कड़ी निगरानी के तहत की गई है।


बता दें कि इससे पहले भी बिहार में डॉग बाबू, डोगेश और ट्रैक्टर जैसे असामान्य नामों से आवास प्रमाण पत्र बनाने के आवेदन खूब चर्चा में आए थे। यह मामला आवास प्रमाण पत्र के दुरुपयोग और सरकारी दस्तावेजों में फर्जीवाड़े की आशंका को बढ़ाता है। ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को जांच और सत्यापन प्रक्रिया कड़ाई से करने को कहा है।


जिला प्रशासन ने कहा है कि ऐसे मामलों की जांच जारी रहेगी और जो भी फर्जीवाड़ा करने वाला मिलेगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में और भी सख्ती लाने की तैयारी की जा रही है, ताकि सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता बनी रहे।