हिजाब प्रकरण पर नीतीश के समर्थन में उतरे मांझी, कहा...मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया

मांझी ने कहा कि यदि नीतीश 20 साल के युवा होते तो बात अलग होती, लेकिन वे 74 साल के हैं। उनका आशय केवल इतना था कि जब लड़की डॉक्टर बनेगी और सार्वजनिक रूप से लोगों से मिलेगी, तो उसे चेहरा ढंकने की जरूरत नहीं होगी। सीएम ने कोई गलत बात नहीं कही।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Dec 2025 03:37:29 PM IST

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मामले को तूल ना देने की अपील - फ़ोटो REPORTER

GAYA: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के एक बयान को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव से जुड़ी उनकी टिप्पणी पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, इस पूरे मामले पर मांझी ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को मीडिया द्वारा गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। 


केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि चुनाव हारने वाले लोग अक्सर गुस्से में अनर्गल बयान देने लगते हैं। उन्होंने अपने पुराने चुनावी अनुभवों का जिक्र करते हुए बताया कि वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में वे मात्र 182 वोटों से हार गए थे। यदि उस समय रिकाउंटिंग हुई होती, तो संभव है कि उनके उम्मीदवार चुनाव जीत जाते।


केन्द्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में वे पूरी तरह नियमों के तहत हुई रिकाउंटिंग के कारण ही विजयी हुए थे। उस समय के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा नियमानुसार मतों की पुनर्गणना कराई गई थी, जिसके बाद परिणाम उनके पक्ष में आया। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा केवल 2020 में ही नहीं, बल्कि 2025 में भी देखने को मिला है, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई उम्मीदवार रिकाउंटिंग के जरिए चुनाव जीतने में सफल रहे। 


उदाहरण देते हुए मांझी ने कहा कि यदि अनिल कुमार रिकाउंटिंग की मांग करते, तो संभव है कि वे भी चुनाव जीत सकते थे, लेकिन उन्होंने हार स्वीकार करते हुए मतगणना केंद्र छोड़ने का निर्णय लिया। मांझी ने दोहराया कि पूरी चुनावी प्रक्रिया संवैधानिक और नियमों के तहत होती है और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता का आरोप निराधार है।


वहीं, हिजाब प्रकरण को लेकर भी केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। मांझी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। 


जीतन राम मांझी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार 20 साल के युवा होते तो बात अलग होती, लेकिन वे 74 वर्ष के हैं। उनका आशय केवल इतना था कि जब लड़की डॉक्टर बनेगी और सार्वजनिक रूप से लोगों से मिलेगी, तो उसे चेहरा ढंकने की जरूरत नहीं होगी। इसमें कोई गलत बात मुख्यमंत्री ने नहीं कही।


मांझी ने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस मुद्दे पर धमकी देकर समाज में विवाद फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि लड़की नौकरी करने के लिए तैयार है और उसके परिवार ने भी इस मुद्दे को तूल न देने की अपील की है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हिजाब के मामले को अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, जबकि इसमें विवाद जैसी कोई बात नहीं है।


गया से नितम राज की रिपोर्ट