गोकुल जलाशय को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता, विश्वामित्र सेना की बड़ी जीत, पीएम मोदी ने की सराहना

बक्सर का गोकुल जलाशय अब रामसर साइट के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता पा चुका है। विश्वामित्र सेना की मांग पूरी होने पर पीएम मोदी ने बिहार की जनता को सराहा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Sep 2025 03:40:46 PM IST

बिहार

विश्वामित्र सेना की जीत - फ़ोटो REPORTER

BUXAR: विश्वामित्र सेना के संघर्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र का परिणाम बक्सर की धरती पर गौरव के रूप में सामने आया है। आज द ईस्टर्न ग्रेस होटल, बक्सर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने बताया कि सरकार का पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने वाला है।


 बक्सर में विश्वामित्र सेना द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई से बक्सर को क्या मिला, इसका परिणाम अब सामने है। बक्सर जिले का गोकुल जलाशय (448 हेक्टेयर) अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रामसर साइट (Ramsar Site) घोषित हो गया है। यह निर्णय बक्सर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर की रक्षा की दिशा में एक स्वर्णिम अध्याय है।


इस विषय में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने X पर ट्वीट किया कि शाबाश बिहार! बक्सर का गोकुल जलाशय अब रामसर साइट बना— wetlands संरक्षण में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि। मंत्री जी के इस ट्वीट पर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बक्सर की धरोहर को संरक्षित करने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया कि अत्यंत शुभ समाचार! आर्द्रभूमि सतत विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बिहार की जनता को विशेष सराहना, जो पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रही है।


विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने इस उपलब्धि पर कहा कि गोकुल जलाशय को रामसर साइट घोषित होना केवल बक्सर ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार की जीत है। उन्होंने कहा -जो हम 22 जनवरी 2024 को बोले थे, अब वो हुआ है। यह हमारी वर्षों की माँग थी जिसे हमने प्रधानमंत्री जी तक पहुँचाया। आज जब गोकुल जलाशय को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है, तो यह हमारे संघर्ष और जनता के आशीर्वाद की विजय है। इसके लिए हम प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट करते हैं। यह निर्णय गोकुल जलाशय को जैव-विविधता संरक्षण, जलवायु संतुलन और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित करने की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा। लेकिन हमारी कई मांगें अभी पूरी नहीं हुई हैं। और अपनी मांगों को लेकर विश्वामित्र सेना की लड़ाई जारी रहेगा।