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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 02 Aug 2025 11:35:16 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है, जिससे बिहार और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शनिवार सुबह 8 बजे बक्सर में गंगा का जलस्तर 59.91 मीटर दर्ज किया गया जो चेतावनी बिंदु से 60 सेंटीमीटर ऊपर है। यह इस मौसम में गंगा का दूसरा सबसे ऊंचा जलस्तर है। बक्सर में जलस्तर में प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है और यदि यही रफ्तार रही तो रविवार या सोमवार तक नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। इस वजह से अब बिहार के गंगा किनारे के कई जिले (भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, खगड़िया और भागलपुर) प्रभावित हैं।
उधर उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे बसे बलिया और गाजीपुर में भी स्थिति चिंताजनक है। बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रहा है, जबकि गाजीपुर में यह 20 सेंटीमीटर ऊपर है। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के करीब है, जहां जलस्तर प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। प्रयागराज में संगम पर गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है और खतरे के निशान को छूने के करीब है। यमुना नदी भी प्रतापपुर में छह सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रही है, जबकि केन नदी में तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, बेतवा नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से कम हो रहा है।
वहीं, चित्रकूट जिले में पैसुनी नदी ने शनिवार सुबह 7 से 8 बजे के बीच अपना सर्वकालिक जलस्तर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नदी का जलस्तर 92.2 मीटर तक पहुंच गया है जो अब तक के सर्वोच्च स्तर 91.42 मीटर से अधिक है। इसके अलावा फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है और नरौरा बांध से छोड़ा गया पानी बदायूं जिले में भी जलस्तर बढ़ा रहा है। यह स्थिति गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे सभी क्षेत्रों के लिए खतरे की घंटी है।
बक्सर में गंगा के खतरे के निशान के करीब पहुंचने से प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। बिहार के गंगा किनारे के सभी जिले प्रभावित हैं और यदि बक्सर में जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है तो निचले इलाकों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। बिहार के जल संसाधन विभाग ने तटबंधों की निगरानी के लिए 600 कर्मियों को तैनात किया है और 45 इंजीनियर रात में गश्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में वाराणसी और प्रयागराज में नावों का संचालन बंद कर दिया गया है और लोगों को घाटों से दूर रहने की सलाह दी गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, लेकिन लगातार बारिश और नदियों के उफान से प्रशासन के सामने चुनौतियां बढ़ रही हैं।