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23-Dec-2025 02:33 PM
By FIRST BIHAR
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज आम जनता से लेकर बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटीज तक के लोकप्रिय संत माने जाते हैं। उनके दर्शन के लिए कई भक्त आश्रम पहुंचते हैं, तो कई लोग उनकी रात में होने वाली पदयात्रा का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अब श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर यह है कि प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का समय बदल गया है और रात का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
नई व्यवस्था के अनुसार, प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा अब रात 2 बजे की बजाय शाम 5 बजे निकलेगी। इससे श्रद्धालुओं को दर्शन में आसानी होगी। यह पदयात्रा वृंदावन स्थित श्रीकृष्ण शरणम् फ्लैट से शुरू होकर श्री राधा केलिकुंज आश्रम तक जाती है और लगभग दो किलोमीटर लंबी होती है। इस दौरान असंख्य भक्त उनकी एक झलक पाने के लिए कतार में खड़े रहते हैं।
संत प्रेमानंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। उनके परिवार में भक्तिभाव का माहौल था, जिसका गहरा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ा। प्रेमानंद जी ने संन्यासी बनने के लिए घर का त्याग किया और वाराणसी आकर जीवन व्यतीत किया।
उन्होंने दस वर्षों से अधिक समय तक अपने गुरु सद्गुरु देव की सेवा की। अपने गुरु देव और श्री वृंदावन धाम के दिव्य आशीर्वाद से वे पूर्णतः सहचरी भाव में लीन हो गए और श्री राधा के चरणों में उनकी अटूट भक्ति विकसित हुई। इसके परिणामस्वरूप प्रेमानंद महाराज श्री राधा रानी की दिव्य शक्ति के अंश बन गए।