शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
15-Jan-2025 10:36 PM
By First Bihar
Magh Gupta Navratri 2025: हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्र का व्रत और पूजा विशेष महत्व रखते हैं। यह व्रत गुप्त साधनाओं और देवी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। गुप्त नवरात्र वर्ष में दो बार मनाए जाते हैं - माघ और आषाढ़ महीने में। इस व्रत का पालन कठिन उपवास और गहन भक्ति के साथ किया जाता है। इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्र 30 जनवरी, 2025 से प्रारंभ होंगे।
माघ गुप्त नवरात्र 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 जनवरी, 2025, शाम 6:05 बजे
शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 जनवरी, 2025, शाम 4:01 बजे
कलश स्थापना (घट स्थापना) के शुभ मुहूर्त:
सुबह 9:25 बजे से 10:46 बजे तक
दोपहर 12:13 बजे से 12:56 बजे तक
गुप्त नवरात्र व्रत और पूजा विधि
सुबह की तैयारी:
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल और घर की अच्छी तरह से सफाई करें।
कलश स्थापना:
शुभ मुहूर्त के अनुसार एक वेदी पर देवी की प्रतिमा स्थापित करें।
कलश को जल, आम के पत्ते, नारियल और दूर्वा से सजाकर स्थापित करें।
आराधना और भोग:
देसी घी का दीपक जलाएं और देवी को गुड़हल के फूल अर्पित करें।
देवी को सिंदूर, पंचामृत, नारियल, चुनरी, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
माता की आरती और मंत्र जाप करें।
विशेष नियम:
इन दिनों तामसिक भोजन (मांसाहार और लहसुन-प्याज) का सेवन न करें।
संयम और शुद्ध आचरण का पालन करें।
माघ गुप्त नवरात्र का महत्व
गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा की गुप्त रूप से साधना की जाती है, जिससे साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि भी लाता है।
इन नौ दिनों में माता दुर्गा के विभिन्न रूपों का ध्यान करें।
मंत्र जाप जैसे "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" का उच्चारण करें।
संध्या समय ध्यान और आरती अवश्य करें।
इस माघ गुप्त नवरात्र, देवी दुर्गा की कृपा से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आह्वान करें।