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12-Jan-2025 08:34 AM
By First Bihar
माघ गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है। यह नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र-मंत्र की साधना और सिद्धि के लिए जानी जाती है, और इसमें विशेष रूप से 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। माघ गुप्त नवरात्रि का आयोजन 2025 में 30 जनवरी से होगा और इसका समापन 7 फरवरी को होगा।
इस विशेष नवरात्रि का आयोजन पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र साधना और देवी महाविद्याओं के पूजन के लिए होता है। इन दिनों में साधक अपनी साधना के माध्यम से देवी महाविद्याओं की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह समय विशेष रूप से आध्यात्मिक उन्नति और सिद्धि के लिए उपयुक्त माना जाता है।
इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 30 जनवरी को होगा और इस दिन के विशेष कलश स्थापना मुहूर्त के माध्यम से नवरात्रि की शुरुआत की जाएगी। इसके साथ ही, गुप्त नवरात्रि का समापन 7 फरवरी को होगा, जब व्रती पारण करके इस साधना पर्व को समाप्त करेंगे।
माघ गुप्त नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त:
कलश स्थापना के लिए मुहूर्त:
पहला मुहूर्त: सुबह 9:25 बजे से 10:46 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: दोपहर 12:13 बजे से 12:56 बजे तक
माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व:
माघ माह में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरान देवी महाविद्याओं की पूजा करके व्यक्ति अपनी साधना में सिद्धि प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह समय तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। माघ गुप्त नवरात्रि में देवी काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला जैसे 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है।
इन नौ दिनों में विशेष आध्यात्मिक नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि साधक अपने जीवन में सुख-शांति और सफलता प्राप्त कर सकें। माघ गुप्त नवरात्रि में देवी महाविद्याओं की साधना का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि इस समय की साधना से व्यक्तियों को आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में बाधाओं को पार करने की शक्ति मिलती है। इस पर्व का अनुसरण करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए भी एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।