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12-Mar-2023 08:22 AM
By First Bihar
PURNIA : लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी को लेकर सभी राजनीतिक दल खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है। इतना ही नहीं सभी प्रमुख दलों के तरफ से बिहार में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यही कारण है कि हाल ही में पूर्णिया में महागठबंधन और भाजपा के तरफ से विशाल रैली भी आयोजित की गई थी। महागठबंधन के तरफ से नीतीश कुमार समेत इसमें शामिल सभी दलों के नेताओं द्वारा सियासी तीर छोड़े गए थे वहीं भाजपा के तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बाल्मिकीनगर में जनसभा को संबोधित किया था। इसके बाद अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक एआईएमआईएम (AIMIM) और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी बिहार के सियासी रन में कूदने की तैयारी कर चुके हैं।
दरअसल, एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी बिहार के पूर्णिया और किशनगंज में 18- 19 मार्च को अधिकार पदयात्रा निकालेंगे। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि पूर्णिया में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले साल सितंबर में एक रैली को संबोधित किया था, जबकि महागठबंधन ने इसी साल फरवरी में महारैली की थी। इसके बाद अब हमारी पार्टी पूर्णिया और किशनगंज में 18- 19 मार्च को अधिकार पदयात्रा निकालेंगे।
ओवैसी के इस अधिकार पदयात्रा का मकसद सीमांचल में अन्याय के मुद्दों को उठाना है। इस दौरान वो पूर्णिया के बैसी-अमौर और किशनगंज के कुछ हिस्सों का दौरा करेंगे।इस इलाके में पार्टी ने साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव 5 सीटों पर बहुमत हासिल की थी। हालांकि, बाद जीते हुए विधायक में एक को छोड़कर बाकी के 4 लोग राजद में शामिल हो गए थे।
जानकारी हो कि, सीमांचल कहे जाने वाले इस क्षेत्र में 4 लोकसभा और 24 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें मुस्लिम आबादी ज्यादा है। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने दो सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा और कांग्रेस ने एक-एक सीट जीती थी। एआईएमआईएम(AIMIM) ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 20 उम्मीदवार उतारे थे। जिसमें पांच जीते। उनकी पार्टी को कुल 523,279 वोट मिले थे।
आपको बताते चलें कि, 2020 के विधानसभा चुनाव में इस इलाकेसे बीजेपी ने 8, कांग्रेस ने 5 और जेडीयू ने 4 सीटें जीती थीं। राजद और भाकपा माले ने एक-एक सीट जीती थी। जबकि, एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीती थीं, जिनमें से 4 पिछले साल राजद में शामिल हुई थीं। ऐसा कहा जाता है कि, एआईएमआईएम(AIMIM) उम्मीदवार ने महागठबंधन के मुस्लिम वोटों में कटौती की और बीजेपी को दो सीटें जीतने में मदद की। ऐसे में बिहार में औवेसी की एंट्री महागठबंधन के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।