BIHAR: बिजली चोरी का विरोध करना छोटे भाई को पड़ा महंगा, बड़े भाई ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा, मायके गई हुई थी पत्नी गिरिडीह में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन, 400 से अधिक लोगों का इलाज 23 दिसंबर को पटना में नितिन नवीन का रोड शो, घर से बाहर निकलने से पहले जान लीजिए रूट चार्ट VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार गोल प्रतिभा खोज परीक्षा 2025: छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और मार्गदर्शन देने का भरोसेमंद मंच बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले का हाल देखिये, टॉर्च की रोशनी में हुआ मरीज का इलाज, वीडियो हो गया वायरल नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा पटना के सचिवालय थाना क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी का भंडाफोड़, धंधेबाज भी गिरफ्तार
12-Nov-2021 08:29 PM
DESK : उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रजापति के खिलाफ लखनऊ की अदालत में सजा का ऐलान कर दिया है। गायत्री प्रजापति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को उम्रकैद के साथ साथ दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने इस मामले में पहले ही गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया था. 2014 में हुए चित्रकूट सामूहिक दुष्कर्म मामले में गायत्री प्रजापति के साथ-साथ तीन और दोषियों को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।
गायत्री प्रजापति के साथ साथ गैंगरेप के मामले में आरोपी बनाए गए अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल और रूपेश्वर को कोर्ट में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। आपको बता दें कि 18 फरवरी 2017 को लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में एक कम्प्लेन दर्ज कराई गई थी। इसमें एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया। महिला का आरोप था कि उसकी मुलाकात पर चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के दौरान मंत्री गायत्री प्रजापति से हुई थी। साल 2014 से लेकर 17 तक पीड़िता के साथ आरोपियों द्वारा सामूहिक दुराचार करने का आरोप लगा। 17 अक्टूबर 2016 को पीड़िता ने डीजीपी से शिकायत की। जब पुलिस ने इस मामले में एक्शन नहीं लिया तो 16 फरवरी 2017 को हाईकोर्ट ने पीड़िता की शिकायत पर केस दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया। 18 जुलाई 2017 को गायत्री प्रजापति के साथ-साथ विकास वर्मा, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
गायत्री प्रजापति अखिलेश सिंह यादव की सरकार में खनन मंत्री रह चुके हैं। उनके खिलाफ पास्को एक्ट के तहत सामूहिक दुष्कर्म का मामला चल रहा था। लखनऊ में एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने इस मामले में उन्हें दोषी करार दिया था।