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16-Dec-2020 05:35 PM
PATNA : अपनी गोभी की फसल का कौड़ी का भाव मिलने के कारण खेत में हल चलवा कर फसल खत्म करने वाले समस्तीपुर के किसान को सही भाव मिल गया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गोभी किसान का हाल जानने के बाद पहल की, अब उसकी गोभी 10 रूपये प्रति किलो बिक गयी है. रविशंकर प्रसाद कह रहे हैं कि यही नये कृषि कानून का फायदा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल समस्तीपुर के मक्तापुर गांव के किसान की कहानी पूरे देश में मीडिया की सुर्खियां बन गयी थीं. ओम प्रकाश यादव नाम के इस किसान का कहना था कि उसे गोभी की फसल का कौड़ी के बराबर भाव मिल रहा है. उसकी गोभी सिर्फ एक रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में गोभी काट कर बेचने से ज्यादा बेहतर है उसे खेत में ही नष्ट कर देना. किसान ने गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था.
रविशंकर प्रसाद ने की पहल
समस्तीपुर के किसान की दुर्दशा की कहानी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी पढ़ी. रविशंकर ने आज एक साथ कई ट्वीट कर किसान की मदद की पूरी कहानी बतायी. रविशंकर प्रसाद के मुताबिक उन्हें मीडिया से खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय आढ़त में मात्र एक रुपया प्रति किलो भाव मिल रहा था. निराश हो कर उन्होंने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया.
दस रूपये किलो का मिला भाव
रविशंकर प्रसाद ने बताया है कि खबर पढ़ने के बाद उन्होंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि वे किसान से संपर्क साधें और उनकी फसल को देश के दूसरे राज्य में सही दाम पर बेचने का बंदोबस्त करें. सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बना रखा है. इसी प्लेटफार्म पर दिल्ली के एक खरीददार ने किसान की गोभी 10 रूपये प्रति किलो खरीदने का ऑफर दिया.
किसान ओम प्रकाश यादव ने दस रूपये किलो के हिसाब से अपनी गोभी बेचने पर सहमति जतायी. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि किसान और खरीदार की आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई. उन्हें पता चला है कि खरीददार न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया गया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा कर दी है. समस्तीपुर के मुक्तापुर गांव से गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है.
नये कृषि कानून का फायदा
रविशंकर प्रसाद कह रहे हैं कि यही नये कृषि कानून का फायदा है. केंद्र सरकार ने नये कृषि कानून के जरिये किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है. बिहार का इ, किसान को स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था,. लेकिन नये कृषि कानून के तहत ही वह स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है.