बगहा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विद्यालय का छज्जा गिरा, तीन किशोर घायल Bihar Election 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरजेडी और कांग्रेस पर बोला हमला, लोगों को लाल झंडे वालों से किया सचेत Bihar Election 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरजेडी और कांग्रेस पर बोला हमला, लोगों को लाल झंडे वालों से किया सचेत Police Transfer Posting: पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, ASP स्तर के 23 अधिकारियों का तबादला Police Transfer Posting: पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, ASP स्तर के 23 अधिकारियों का तबादला Bihar Election 2025: ‘पहले वाले ने कोई काम नहीं किया, उसे वोट मत दीजिएगा’, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मतदाताओं से अपील तेजस्वी यादव की अरवल में हुंकार: हर घर को मिलेगी नौकरी, बनेगी पढ़ाई-दवाई और कार्रवाई वाली सरकार Bihar Election 2025 : विधानसभा चुनाव में 10 पुलिसकर्मी ड्यूटी से गायब,पटना एसएसपी ने वेतन रोकने का आदेश दिया Bihar Election 2025: वजीरगंज में बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद का तीखा प्रहार, एनडीए और महागठबंधन पर साधा निशाना Bihar Election 2025: वजीरगंज में बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद का तीखा प्रहार, एनडीए और महागठबंधन पर साधा निशाना
09-Dec-2021 10:42 AM
PATNA : भोजपुर जिले में बालू बंदोबस्ती का मामला, ब्रॉडस कंपनी को देना होगा 139 से अधिक रुपए ब्रॉडसन की नोटिस को कोर्ट ने अमान्य घोषित किया. आपको बता दें कि भोजपुर जिले में बालू बंदोबस्ती को लेकर सरकार ने ब्रॉडसन कंपनी को 1 मई से सरकार को किस नहीं दिया है.
ब्रॉडसन का कहना था कि बालू खनन का काम अप्रैल महीने में ही बंद हो गया फिर अक्टूबर तक की राशि और क्यों दें इसलिए वह कोर्ट में चले गए थे. जिस पर सुनवाई होते हुए जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. और बुधवार को उन्होंने सुनाया. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए सरकारी मांग को सही ठहराया. खनन विभाग ने बताया कि 2019 की नई नियमावली के अनुसार नई डाक में बालू खनन के लिए बीडर सफल तो हुए लेकिन पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं मिलने से खनन में विलंब हो रहा था.
सरकार ने पुराने सेटली को एक्सटेंशन देकर खनन का काम जारी रखने के लिए कहा था. गत अप्रैल में पुराने सेटली ने खनन का काम करने से इनकार कर दिया. लेकिन विभाग ने कहा कि बंदोबस्ती अक्टूबर तक के लिए था. इसलिए उन्हें डिमांड नोटिस के अनुसार राशि देनी ही होगी. विभाग ने बताया कि उन्होंने कोर्ट से कहा था कि डिमांड नोटिस पूरी तरह नियम के अनुसार है. इसलिए याचिकाकर्ता किसी राहत का हकदार नहीं है.