ब्रेकिंग न्यूज़

School Closed News: बिहार से लेकर दिल्ली तक स्कूलों की छुट्टियां, जानें क्या है लेटेस्ट अपडेट India-South Africa T20: "3 बोरा गेहूं बेचकर आए थे, पैसा वापस करो" चौथा टी20 मैच रद्द होने पर फैंस ने मचाया बवाल Bihar News: पंचायत चुनाव में जनगणना के आधार पर मिलेगा कोटा, पहली बार मल्टी पोस्ट EVM से डाले जाएंगे वोट BSEB 10th & 12th Exam 2026: लड़कों से अधिक लड़कियां देंगी बिहार बोर्ड परीक्षा, इतने लाख से अधिक छात्र देंगे एग्जाम; शेड्यूल जारी Bihar News: आवारा कुत्तों से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने कसी कमर, अब बिहार के हर जिले में होगा यह काम Bihar Panchayat Elections 2026: बिहार में पंचायत आम चुनाव दिसंबर 2026 से पहले, चुनाव आयोग ने किया ऐलान; जान लें पूरी डिटेल Sarkari Jobs: 10वीं पास युवाओं को मिल रहा सरकारी नौकरी पाने का मौका, न कोई परीक्षा होगी और न ही कोई साक्षात्कार Bihar News: बिहार देश के पांच सबसे विकसित राज्यों में होगा शामिल, नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिए यह निर्देश RBI Vacancy: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया में नौकरी पाने का बढ़िया मौका, नहीं होगी कोई लिखित परीक्षा Bihar News: बिहार में पिस्टल सटाकर युवक को दी जान से मारने की धमकी, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; पुलिस छापेमारी में जुटी

Padma Shri कपिल देव प्रसाद का निधन, 70 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा; देश में बनाई थी अपनी अलग पहचान

Padma Shri कपिल देव प्रसाद का निधन, 70 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा; देश में बनाई थी अपनी अलग पहचान

13-Mar-2024 01:06 PM

By First Bihar

PATNA: 52 बूटी की कला में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाने वाले नालंदा के पद्मश्री कपिल देव प्रसाद का बुधवार को निधन हो गया। पटना के एक निजी अस्पताल में कपिल देव प्रसाद ने आखिरी सांसें ली। वे 70 साल के थे। पिछले वर्ष 2023 के अप्रैल महीने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से उन्हें सम्मानित किया था।


पद्मश्री कपिल देव प्रसाद के निधन की खबर से नालंदा में शोक की लहर दौड़ गई है। बुनकरी के दम पर उन्होंने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री को हासिल किया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने हर्ट सर्जरी कराई थी और आखिरकार उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बिहारशरीफ के बसवन बीघा गांव निवासी कपिल देव प्रसाद ने पूर्वजों से सीखे हुनर को लोगों में बांटकर रोजगार का एक माध्यम विकसित किया और 52 बूटी हस्तकर्घा से देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई थी।


बता दें कि कपिल देव प्रसाद का जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ था। इनके पिता का नाम हरि तांती और मां का नाम फुलेश्वरी देवी था। पूर्वजों से ही बावन बूटी की कला इन्हें मिली थी और उन्होंने इसको ही अपना रोजगार का जरिया बनाया था। 2017 में हैंडलूम प्रतियोगिता के लिए देश के 31 बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया था, जिसमें कपिल देव प्रसाद भी शामिल थे। उनके निधन से नालंदा में शोक की लहर है। कपिल देव प्रसाद का अंतिम संस्कार पटना के फतुहा स्तिथ त्रिवेणी घाट पर किया जाएगा।